Delhi Smog Crisis:14 इलाकों में AQI 450 पार…शांत हवाएं और घना कोहरा-अगले 48 घंटे ज्यादा खतरनाक

Published : Nov 23, 2025, 07:35 AM IST
Delhi toxic Air AQI 380 Smog Level

सार

Delhi Pollution Level: दिल्ली में लगातार 10 दिन से AQI 380+ क्यों है? कोहरा, शांत हवाएं और बढ़ते ज़हरीले कण-क्या राजधानी एक बड़े स्मॉग लॉकडाउन की तरफ बढ़ रही है? 14 इलाकों में AQI 450 तक पहुंच गया…क्या अगले हफ्ते हालात और खराब होंगे?

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों एक अदृश्य ख़तरे से घिरी हुई है-ज़हरीली हवा। लगातार 10 दिन से AQI 380 से ऊपर बना हुआ है और लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। कोहरा, ठंडी हवा और हवा की रफ्तार लगभग बंद होने से प्रदूषण हवा में ही अटका पड़ा है। हर सुबह लोग जागते हैं तो आसमान धुंधला दिखता है, सड़कें स्मॉग में छुपी रहती हैं, और घर से बाहर निकलते ही सांस भारी होने लगती है। डॉक्टर साफ कह रहे हैं कि यह स्थिति “हेल्थ इमरजेंसी” जैसी है-रोज़मर्रा के सफर से लेकर बच्चों की स्कूल जाने तक-हर चीज़ पर असर पड़ रहा है। दिल्ली के 14 इलाके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुके हैं, जहाँ AQI 400 से भी ज़्यादा है। कुछ जगहों पर तो मीटर 440–450 तक पहुंच गया, जो सीधे फेफड़ों, हार्ट और इम्यून सिस्टम पर हमला कर सकता है। क्या दिल्ली आने वाले दिनों में और ज्यादा ‘टॉक्सिक’ होने वाली है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

 

 

क्या दिल्ली की हवा 10 दिनों से इतनी खराब क्यों है? हवा कब सुधरेगी?

दिल्ली रविवार को भी स्मॉग की मोटी परत में ढकी रही। सुबह 5 बजे राजधानी का 24 घंटे का औसत AQI 380 दर्ज किया गया—जो साफ तौर पर बताता है कि हवा बेहद खतरनाक स्तर पर है। हवा बहुत कम चल रही है, और यही सबसे बड़ी दिक्कत बन गई है। जब हवा नहीं चलती, तो प्रदूषण ज़मीन के पास अटक जाता है यानी वही हवा बार-बार हम सांस के जरिए भीतर ले जाते हैं।

कौन-कौन से इलाके सबसे ज्यादा ‘टॉक्सिक’ हैं?

दिल्ली के 39 स्टेशनों में से 14 जगहें “Severe” Zone में पहुंच गई हैं। यहाँ AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया:

  • आनंद विहार
  • वज़ीरपुर
  • विवेक विहार
  • अशोक विहार
  • बवाना
  • मुंडका
  • नरेला
  • पंजाबी बाग
  • रोहिणी
  • नेहरू नगर
  • नॉर्थ कैंपस
  • सोनिया विहार
  • बुराड़ी क्रॉसिंग
  • और कई अन्य

सबसे खराब हालात वज़ीरपुर और विवेक विहार में देखने को मिले, जहाँ AQI 440–450 तक पहुंच गया। यह स्तर सीधा असर डालता है-

  • बच्चों
  • बुज़ुर्गों
  • अस्थमा मरीजों
  • हार्ट रोगियों
  • गर्भवती महिलाओं पर

दिल्ली का “सबसे साफ” इलाका मंदिर मार्ग भी AQI 298 पर था-जो खुद “खराब” कैटेगरी में आता है।

क्या सख्त GRAP नियम लागू कर दिए गए हैं?

हवा में लगातार खराबी देखते हुए CAQM ने स्टेज-III के बावजूद स्टेज-IV जैसे उपाय लागू कर दिए हैं। इसका मतलब:

  • उद्योगों पर कड़ी पाबंदी
  • कंस्ट्रक्शन पर रोक
  • ट्रकों पर कड़ा नियंत्रण
  • धूल नियंत्रण के सख्त नियम
  • कोल और डीज़ल चलित यूनिटों पर कार्रवाई
  • सोनीपत में हुई बड़े पैमाने पर चेकिंग में 29 यूनिट नियम तोड़ती मिलीं।

ये क्रॉस-बॉर्डर इंडस्ट्रियल प्रदूषण दिल्ली की हवा को और जहर बना देता है।

ऑफिसों के टाइम क्यों बदल दिए गए? क्या यह ट्रैफिक प्रदूषण कम करेगा?

दिल्ली में ट्रैफिक एमिशन सबसे बड़ा कारण है, इसलिए भीड़ को बाँटने के लिए समय बदला गया है:

  • दिल्ली सरकार के ऑफिस: सुबह 10 बजे-6:30
  • MCD ऑफिस: सुबह 8:30-5 बजे
  • इसके अलावा, निजी दफ्तरों को 50% वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी गई है।

इसका मकसद एक ही है कि पीक-आवर में वाहनों की भीड़ कम करना और प्रदूषण घटाना।

MD का मौसम अलर्ट: क्या हवा और ज्यादा ज़हरीली होगी?

IMD ने साफ कहा है कि अगले 7 दिनों में हवा बहुत हल्की चलेगी, सुबह के समय कोहरा बनेगा, रात का तापमान नीचे जाएगा। यह मौसम पॉल्यूटेंट को जमीन के पास रोक लेता है यानी AQI और बिगड़ सकता है, खासकर सुबह, देर रात या कोहरे वाले दिन। 7 दिन का आउटलुक भी यही दिखाता है कि हवा 0–5 kmph की रफ्तार पर अटकी रहेगी, जिससे स्मॉग और घना होगा।

क्या दिल्ली बीजिंग से सीख सकती है?

बीजिंग ने स्मार्ट इंडस्ट्री कंट्रोल, सख्त वाहनों के नियम और रीयल-टाइम पोल्यूशन मैनेजमेंट से बड़ी सफलता पाई। दिल्ली भी कोशिश कर रही है, लेकिन मौसम और भौगोलिक स्थिति इसे और मुश्किल बना देती है।

क्या दिल्ली की हवा अभी भी और खराब होगी?

  • हां-IMD के अनुसार, हल्की हवा और घना कोहरा हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ सकता है।
  • अगले 3–4 दिन दिल्ली वालों के लिए सबसे कठिन साबित हो सकते हैं।

सावधान रहें:

  • सुबह वॉक से बचें
  • मास्क पहनें
  • बच्चों और बुज़ुर्गों की एक्सपोज़र कम करें
  • घर में एयर-प्यूरीफायर या वेंटिलेशन रखें

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