
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों एक अदृश्य ख़तरे से घिरी हुई है-ज़हरीली हवा। लगातार 10 दिन से AQI 380 से ऊपर बना हुआ है और लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। कोहरा, ठंडी हवा और हवा की रफ्तार लगभग बंद होने से प्रदूषण हवा में ही अटका पड़ा है। हर सुबह लोग जागते हैं तो आसमान धुंधला दिखता है, सड़कें स्मॉग में छुपी रहती हैं, और घर से बाहर निकलते ही सांस भारी होने लगती है। डॉक्टर साफ कह रहे हैं कि यह स्थिति “हेल्थ इमरजेंसी” जैसी है-रोज़मर्रा के सफर से लेकर बच्चों की स्कूल जाने तक-हर चीज़ पर असर पड़ रहा है। दिल्ली के 14 इलाके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुके हैं, जहाँ AQI 400 से भी ज़्यादा है। कुछ जगहों पर तो मीटर 440–450 तक पहुंच गया, जो सीधे फेफड़ों, हार्ट और इम्यून सिस्टम पर हमला कर सकता है। क्या दिल्ली आने वाले दिनों में और ज्यादा ‘टॉक्सिक’ होने वाली है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
दिल्ली रविवार को भी स्मॉग की मोटी परत में ढकी रही। सुबह 5 बजे राजधानी का 24 घंटे का औसत AQI 380 दर्ज किया गया—जो साफ तौर पर बताता है कि हवा बेहद खतरनाक स्तर पर है। हवा बहुत कम चल रही है, और यही सबसे बड़ी दिक्कत बन गई है। जब हवा नहीं चलती, तो प्रदूषण ज़मीन के पास अटक जाता है यानी वही हवा बार-बार हम सांस के जरिए भीतर ले जाते हैं।
दिल्ली के 39 स्टेशनों में से 14 जगहें “Severe” Zone में पहुंच गई हैं। यहाँ AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया:
सबसे खराब हालात वज़ीरपुर और विवेक विहार में देखने को मिले, जहाँ AQI 440–450 तक पहुंच गया। यह स्तर सीधा असर डालता है-
दिल्ली का “सबसे साफ” इलाका मंदिर मार्ग भी AQI 298 पर था-जो खुद “खराब” कैटेगरी में आता है।
हवा में लगातार खराबी देखते हुए CAQM ने स्टेज-III के बावजूद स्टेज-IV जैसे उपाय लागू कर दिए हैं। इसका मतलब:
ये क्रॉस-बॉर्डर इंडस्ट्रियल प्रदूषण दिल्ली की हवा को और जहर बना देता है।
दिल्ली में ट्रैफिक एमिशन सबसे बड़ा कारण है, इसलिए भीड़ को बाँटने के लिए समय बदला गया है:
इसका मकसद एक ही है कि पीक-आवर में वाहनों की भीड़ कम करना और प्रदूषण घटाना।
IMD ने साफ कहा है कि अगले 7 दिनों में हवा बहुत हल्की चलेगी, सुबह के समय कोहरा बनेगा, रात का तापमान नीचे जाएगा। यह मौसम पॉल्यूटेंट को जमीन के पास रोक लेता है यानी AQI और बिगड़ सकता है, खासकर सुबह, देर रात या कोहरे वाले दिन। 7 दिन का आउटलुक भी यही दिखाता है कि हवा 0–5 kmph की रफ्तार पर अटकी रहेगी, जिससे स्मॉग और घना होगा।
बीजिंग ने स्मार्ट इंडस्ट्री कंट्रोल, सख्त वाहनों के नियम और रीयल-टाइम पोल्यूशन मैनेजमेंट से बड़ी सफलता पाई। दिल्ली भी कोशिश कर रही है, लेकिन मौसम और भौगोलिक स्थिति इसे और मुश्किल बना देती है।
सावधान रहें: