मौसम के बदलाव के साथ ही डेंगू(Dengue) का प्रकोप बढ़ रहा है। 9 राज्यों में डेंगू का खतरा अधिक दिखाई दे रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने यहां हाईलेवल टीम भेजी है।
नई दिल्ली. मौसम में आए बदलाव के दौरान डेंगू(Dengue) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस बीमारी पर अंकुश लगाने केंद्र सरकार सख्त हुई है। केंद्र ने डेंगू प्रभावित 9 राज्यों में हाईलेवल टीम भेजी है, ताकि डेंगू की रोकथाम की जा सके। Corona Virus के बीच डेंगू ने कई राज्यों के सामने चिंता पैदा कर दी है। इस समय दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, तमिलनाडु और केरल डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। टीमों को नियंत्रण की स्थिति, किट और दवाओं की उपलब्धता, शीघ्र पता लगाने, कीटनाशकों की उपलब्धता और उपयोग, एंटी-लार्वा आदि उपायों की स्थिति आदि पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। वे राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों को भी जानकारी देंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री खुद एक्शन में आए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Mansukh Mandaviya) ने 1 नवंबर को दिल्ली में एक हाईलेवल मीटिंग की थी। इसके बाद 9 राज्यों में विशेषज्ञों की टीम भेजने का निर्णय लिया गया। टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अधिकारी शामिल हैं।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को डेंगू की जांच में तेजी लाने को कहा गया है, ताकि लोगों का समय पर इलाज हो सके।
दिल्ली और महाराष्ट्र को उदाहरण के तौर पर देखें
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के मामलों पर एक रिपोर्ट जारी की है। इससे पता चलता है कि दिल्ली में इस साल अब तक 1,530 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,200 सिर्फ अक्टूबर में आए। यानी ये पिछले 4 साल में सबसे अधिक केस हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सरकारी अस्पतालों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज के लिए एक तिहाई कोविड-19 बेड का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र में भी डेंगू का प्रकोप अधिक देखा जा रहा है। यहां पुणे में अक्टूबर में 168 मामले आए। चंडीगढ़ में डेंगू से अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डेंगू के 1,000 मामले आ चुके हैं।
क्या है डेंगू बुखार
डेंगू बुखार एक संक्रमण है जो वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं। मच्छर डेंगू वायरस को फैलाते हैं। डेंगू बुखार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना तेज दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गयी हों। डेंगू बुखार के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द शामिल हैं।
मच्छरों से खुद को बचाएं
डेंगू बुखार से बचने के लिए मच्छरों से खुद को बचाना चाहिए, मच्छरों को पनपने ही नहीं देना चाहिए हैं। यदि किसी को डेंगू बुखार हो जाए तो उसे तत्काल डॉक्टर की परामर्श लेना चाहिए। भूलकर भी अनुमान से इलाज ना करें, ना ही घरेलू इलाज के भरोसे रहें।
डेंगू मच्छर जनित वायरल बीमारी है। एडिज नामक मच्छर के काटने से डेंगू होता है। ये मच्छर साफ पानी में ज्यादा पनपते हैं और अधिकांश लोगों को सुबह के समय काटते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो एडिज मच्छर के काटने के करीब 3 से 5 दिन बीतने के बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं।
डेंगू के लक्षण
एक्सपर्टस के मुताबक डेंगू होने पर मरीजों को सिर में तेज दर्द हो सकता है, मसल पेन और जोड़ों में दर्द से भी लोग परेशान हो सकते हैं। इसके अलावा, तेज बुखार, शरीर में ठंड लगने जैसी कंपकंपाहट, ज्यादा पसीना आना, कमजोरी, थकान, भूख में कमी, मसूड़ों से खून आना और उल्टी भी डेंगू का संकेत हो सकता है। वहीं कुछ लोगों में आंखों के पास दर्द, ग्रंथियों में सूजन, लाल रैशेज भी दिखाई देते हैं। डेंगू की वजह से खून में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। ऐसे में सांस लेने में कमी, घबराहट, उल्टियां, यूरिन में ब्लीडिंग और पेट दर्द भी हो सकता है।
डेंगू से ऐसे कैसे करें बचाव
डेंगू के खतरे को कम करने के पानी जमा ना होने दें, कूलर और बाल्टियों में पानी भरकर न रखें। गंदगी ना होने दें। खाली बर्तन में पानी ना रखें। पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें। रात में सोते समय मच्छरदानी जरुर लगाएं। डेंगू के लक्षण शरीर में दर्द, तेज बुखार, चक्कर, उल्टी, कमजोरी आदि हैं। यदि किसी को ये लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। खुद ही उपचार न करें। शरीर को ढ़ककर रखें, डेंगू पीड़ित व्यक्ति को मच्छर काटने के बाद वही मच्छर किसी और को काटे तो डेंगू होने की संभावना हो सकती है। इसलिए डेंगू पीड़ित भी पूरे कपड़े पहनकर इसे स्प्रेड होने से रोकें।