कोरोना वायरस की डिसइनफेक्टिंग डिवाइस, कम दवा में ज्यादा असर होगा

कोरोना महामारी से बचने के लिए दवाओं को लेकर नई-नई रिसर्च हो रही है। इस बीच सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रमेंट ऑर्गेनाइजेशन (CSIO) ने एक डिसइनफेक्टिंग डिवाइस बनाई है। इस डिवाइस से कम समय में बड़े इलाके को डिसइनफेक्ट किया जा सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : May 23, 2020 11:30 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना महामारी से बचने के लिए दवाओं को लेकर नई-नई रिसर्च हो रही है। इस बीच सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रमेंट ऑर्गेनाइजेशन (CSIO) ने एक डिसइनफेक्टिंग डिवाइस बनाई है। इस डिवाइस से कम समय में बड़े इलाके को डिसइनफेक्ट किया जा सकता है। 

सतह और हवा में वायरस को मार देता है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें नेगेटिव चार्ज होता है इसलिए किसी सतह को साफ करने के साथ-साथ हवा में भी यह वायरस को मार देता है। इससे स्प्रे होने वाला लिक्विड 7 से 10 माइक्रोन का ड्रॉपलेट बनाता है और डिसइनफेक्ट इलेक्ट्रोस्टेट तकनीक से होने की वजह से ज्यादा अच्छी तरह से करता है।

पहले खेती में छिड़काव के काम आती थी, अब मशीन को किया गया रीओरिएंट
इस मशीन का इस्तेमाल खेती में छिड़काव के लिए किया जाता था। इसकी खासियत इसका इलेक्ट्रोस्टेट तकनीक है, जिससे कम पेस्टीसाइड का इस्तेमाल कर ज्यादा छिड़काव हो सकता है। अब कोरोना महामारी में इस मशीन को रीओरिएंट किया गया है। ताकि कम सेनिटाइजर के इस्तेमाल से ज्यादा से ज्यादा छिड़काव किया जा सके। 

50 हजार से एक लाख रुपए है कीमत
तीन कंपनियों के साथ सीएसआईआर ने यह तकनीक शेयर की है। सीएसआईआर के मुताबिक इनकी कीमत 50 हजार से एक लाख रुपए तक है। 

भारत में कोरोना के 1,26,308 केस
भारत में कोरोना के 1,26,308 केस आ चुके हैं। 3,754 लोगों की मौत हो चुकी है। 52,258 लोग ठीक हो चुके हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा 44,582 केस, तमिलनाडु में 14,753 और गुजरात में 13,272 केस सामने आ चुके हैं।

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