कोरोना@काम की खबर: यहां 1 महीने तक किराएदार नहीं वसूल सकेंगे किराया, आदेश नहीं माना तो होगी जेल

जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह ने कहा, मकान मालिक गौतमबुद्धनगर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर एक महीने के बाद ही किरायेदारों से किराया ले सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए किसी भी मजदूर का घर खाली नहीं करवाया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2020 10:30 AM IST / Updated: Mar 28 2020, 05:16 PM IST

नई दिल्ली. देश में 21 दिन के लॉकडाउन के बीच लोग दिल्ली, नोएडा और मुंबई जैसे शहरों को छोड़कर अपने गांव-घर भाग रहे हैं। गाड़ियों की आवाजाही बंद है, ऐसे में लोग पैदल ली परिवार के साथ निकल जा रहे हैं। इनका कहना है कि फैक्ट्रियां बंद है। कारखाने बंद हैं। हमारी कमाई कुछ नहीं है। ऐसे में हम रहने के लिए किराया कहां से दें और कहां से खाना खाए। इन दिक्कतों को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है। जिले के सभी मकान मालिकों को आदेश दिया गया है कि वे एक महीने बाद ही किराएदारों से पैसा लें। उससे पहले नहीं।

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आदेश नहीं मानने पर हो सकती है जेल : गौतमबुद्ध नगर के किराएदारों को यह आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जीबी नगर के डीएम बीएन सिंह ने जारी किया है। इसे न मानने पर एक साल की सजा या जुर्माना हो सकता है।

 

आदेश में क्या कहा गया?
जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह ने कहा, मकान मालिक गौतमबुद्धनगर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर एक महीने के बाद ही किरायेदारों से किराया ले सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए किसी भी मजदूर का घर खाली नहीं करवाया जाएगा। 

 

प्रशासन को क्यों देना पड़ा ऐसा आदेश?
कोरोना वायरस के केस बढ़ने के बाद पीएम मोदी ने देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इसके पीछे मकसद था कि लोग कम से कम एक दूसरे के संपर्क में आए, ताकि कोरोना वायरस न फैले। लेकिन लॉकडाउन के बाद दिल्ली, नोएडा में कई फैक्ट्रियां बंद हो गईं। रोड चौराहों की दुकाने बंद कर दिए गए। ऐसे में कमाई का कोई साधन नहीं बचा। तब जो प्रवासी यूपी-बिहार से दिल्ली में कमाने के लिए गए थे, वह शहर छोड़कर भागने लगे। वह दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए। मजबूरी में यूपी सरकार ने एक हजार बसे चलाने का ऐलान किया, जिससे की पलायन करने वालों को वापस घर लाया जा सकते।

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