Russian Oil Imports: ट्रंप की धमकी के आगे नहीं झुकेगा भारत, बंद नहीं करेगा रूस से तेल आयात

Published : Aug 03, 2025, 08:10 PM ISTUpdated : Aug 03, 2025, 08:22 PM IST
Narendra Modi with Donald Trump

सार

Trump India Oil Sanctions: भारत ने अमेरिकी दबाव और 25% टैरिफ के बावजूद तेल कंपनियों को रूस से क्रूड ऑयल खरीद बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है। सरकारी व निजी रिफाइनरियां अब भी अपने हित में रूसी तेल की खरीद कर रही हैं।

DID YOU KNOW ?
रूस से आता है 35% तेल
रूस से तेल आयात अब भारत के कुल कच्चे तेल आयात का करीब 35% तक पहुंच गया है, जबकि 2022 से पहले यह हिस्सा सिर्फ 1% से भी कम था।

Donald Trump Tariff Threat: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने भारत से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा भी की है। इस बीच ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत अमेरिकी दबाव में आकर रूस से इंधन खरीदना बंद नहीं करने जा रहा।

भारत सरकार ने रूस से तेल खरीद रोकने को नहीं कहा

ब्लूमबर्ग ने इस मामले से परिचित लोगों के हवाले से बताया कि भारत सरकार ने अपने तेल रिफाइनरियों को रूसी कच्चे तेल की खरीद रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप के साथ तनाव से बच रही है। दूसरी ओर रूस के साथ राजनयिक संबंधों को भी संभाल रही है। ब्लूमबर्ग के सूत्रों के अनुसार रूस से आयात रोकने का कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है। सरकारी और निजी दोनों ही रिफाइनर व्यावसायिक कारणों से तेल का स्रोत बनाना जारी रखे हुए हैं। उन्हें अपनी पसंद के सप्लायर से खरीदने की अनुमति है।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था- सुना है भारत रूस से तेल खरीद बंद कर देगा

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की रूसी ऊर्जा और रक्षा उपकरणों पर अत्यधिक निर्भरता की आलोचना की थी। उन्होंने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाया और मास्को के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण और अधिक दंड की धमकी दी। बाद में ट्रंप ने कहा, "सुना है कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा। पता नहीं यह सच है या नहीं, लेकिन यह एक अच्छा कदम है।"

भारत को कच्चे तेल के वैकल्पिक स्रोत की तलाश

भारत लगातार कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद बाजार की स्थितियों और कीमतों से तय होती है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पिछले सप्ताह रिफाइनरों से कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर गैर-रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए प्लान तैयार करें। सरकारी तेल कंपनियों से कहा गया कि कच्चे तेल के वैकल्पिक स्रोत तलाशने हैं। अनुमान लगाएं कि रूस की जगह कहां से और कितना तेल खरीदा जा सकता है।

रूसी तेल का बड़ा खरीददार है भारत

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शनिवार को दो सीनियर भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि भारत अमेरिका के जुर्माने की धमकी के बावजूद रूसी कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा। बता दें कि यूक्रेन की लड़ाई शुरू होने के बाद से भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। कुल आयात में इसकी हिस्सेदारी लगभग एक-तिहाई हो गई है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसके लिए भारत की आलोचना की है। इसे रूस को लड़ाई में मदद करना बताया है। भारत इंधन की जरूरत के लिए आयात पर निर्भर है। रूस से तेल आयात कम करने या बंद करने से भारत को खाड़ी देशों से कच्चे तेल की खरीद बढ़ानी होगी। इसके लिए अधिक कीमत देनी होगी। इससे भारत का ऊर्जा आयात बिल बढ़ सकता है।

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