ओडिशा की एक कोर्ट ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के फोटोग्राफर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, फोटोग्राफर संविदा पर तैनात था, उसे चांदीपुर मिसाइल रेंज की संवेदनशील तस्वीरों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने का दोषी पाया गया है।
भुवनेश्वर. ओडिशा की एक कोर्ट ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के फोटोग्राफर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, फोटोग्राफर संविदा पर तैनात था, उसे चांदीपुर मिसाइल रेंज की संवेदनशील तस्वीरों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने का दोषी पाया गया है।
ईश्वर बेहरा को जासूसी मामले में दोषी पाते हुए गुरुवार को ओडिशा की बालासोर जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बेहरा चांदीपुर स्थित डीआरडीओ के मिसाइल परीक्षण इकाई के अति संवेदनशील संस्थान इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में संविदा कैमरामैन के तौर पर पदस्थ था।
लगातार ISI के टच में था, खाते में पैसे भी आए
जांच में पाया गया था कि बेहरा मिसाइल टेस्टिंग साइट के पास गया और उसने संवदेनशील फोटो निकाली और वीडियो बनाए। इसके बाद वह कैमरा सही कराने के बहाने से कोलकाता निकल गया। यहां उसने आईएसआई के एजेंट को ये संवेदनशील फोटो और वीडियो दिए।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मामले की जांच करने वाली टीम का दावा है कि बेहरा आईएसआई के टच में था। उसने कई बार फोन पर बात की, यहां तक की एजेंट से 10 से ज्यादा बार मुलाकात की। इस दौरान उसके खाते में अबुधाबी, मुंबई, मेरठ, आंध्र प्रदेश और बिहार समेत कई जगहों से पैसे ट्रांसफर किए गए।
'कोर्ट ने दिया आतंकी करार'
बेहरा गिरफ्तारी से पहले आईबी की रडार पर था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेहरा को 121A और 120B के सेक्शन 3, 4, 5 के तहत दोषी ठहराया गया। जज गिरिजा प्रसाद ने बेहरा की जासूसी को आतंकवाद करार दिया। उन्होंने कहा, आतंकी संगठन पैसे देकर भारत के लोगों से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। भारत में ऐसे लोगों का समूह लगातार दुश्मनों को इस तरह की जानकारी दे रहा है। बेहरा जैसे लोग भारत की सुरक्षा को आतंकियों के हाथ में दे रहे हैं। ऐसे लोग भी आतंकी ही हैं।