DRDO VRDE ने 9 स्वदेशी डिफेंस टेक्नोलॉजी किया ट्रांसफर

Published : Jun 08, 2025, 10:36 PM IST
DRDO RAC Recruitment 2025

सार

DRDO Technology Transfer: महाराष्ट्र के अहिल्यानगर स्थित DRDO की VRDE प्रयोगशाला ने 9 रक्षा तकनीकों को 10 उद्योगों को ट्रांसफर किया है। साथ ही, दिल्ली में DRDO के क्वांटम टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर का उद्घाटन हुआ है।

DRDO Technology Transfer: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की रणनीतिक पृष्ठभूमि में भारत की रक्षा वैज्ञानिक ताकत को और मज़बूती देने के लिए DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने दो बड़ी उपलब्धियां दर्ज की हैं। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर (VRDE, Ahmednagar) स्थित व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (VRDE) ने 9 अत्याधुनिक तकनीकों को 10 निजी और सार्वजनिक उद्योगों को हस्तांतरित किया है।

इसके साथ ही, दिल्ली के मेटकाफ हाउस में Quantum Technology Research Center (QTRC) की शुरुआत की गई है जो भारत को पोस्ट-क्वांटम साइबर सुरक्षा और सुरक्षित सैन्य संचार के क्षेत्र में विश्वस्तरीय बना देगा।

VRDE का टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम

7 जून 2025 को VRDE में हुए एक विशेष कार्यक्रम में DRDO प्रमुख डॉ समीर वी कामत की उपस्थिति में तकनीकों के लाइसेंस सौंपे गए। इस मौके पर उन्होंने कहा: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन स्वदेशी प्रणालियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, वह भारत के रक्षा उद्योग की सामूहिक क्षमता का प्रमाण हैं। हमें अगली चुनौतियों के लिए पहले से तैयारी करनी होगी।

DRDO ने COEP टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, पुणे के साथ एक MoU भी साइन किया, जिससे अनुसंधान और उच्च तकनीकी समाधान साझा रूप से विकसित किए जा सकें।

किन तकनीकों का ट्रांसफर हुआ?

हालांकि, तकनीकों के नाम गोपनीय रखे गए हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें ऑल-टेरेन व्हीकल सिस्टम, IED-प्रूफ प्लेटफॉर्म, हाइब्रिड व्हीकल कंट्रोल यूनिट, और इलेक्ट्रॉनिक स्टेयरिंग सॉल्यूशंस जैसी सैन्य ज़रूरतों को पूरा करने वाली टेक्नोलॉजीज़ शामिल हैं।

क्वांटम रिसर्च सेंटर: भारत का अगला साइबर शील्ड

Quantum Technology Research Center (QTRC) का उद्घाटन DRDO प्रमुख डॉ समीर वी कामत ने किया। यह सुविधा विशेष रूप से सामरिक और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी क्वांटम क्षमताएं विकसित करने पर केंद्रित है।

इस केंद्र की प्रमुख क्षमताएं:

  • Quantum Key Distribution (QKD) के लिए प्लेटफॉर्म
  • VCSEL और DFB लेज़रों का उन्नत लक्षण परीक्षण
  • Single-photon source और Micro-fabricated Alkali Vapor Cells की टेस्टिंग
  • पोस्ट-क्वांटम युग में National Security को सुरक्षित करने के लिए SAG-DRDO के तहत रिसर्च

इसका प्रभाव क्या होगा?

QTRC भारत को Quantum Communication, Secure Satellite Links, Defence Grade Cryptography, और Post Quantum Cybersecurity जैसे क्षेत्रों में चीन, अमेरिका और यूरोप की बराबरी में ला सकता है।

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