बीजेपी-जेजेपी में बनी बात: मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट में डिप्टी CM होंगे दुष्यंत चौटाला

हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता शुक्रवार रात में साफ हो गया है। जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकत कर नई सरकार में शामिल होने का फैसला कर लिया है।

चंडीगढ़. हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता शुक्रवार रात में साफ हो गया है। जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकत कर नई सरकार में शामिल होने का फैसला कर लिया है। दोनों पार्टियों के बीच हुए ताजा समझौतों के तहत राज्य में जेजेपी को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है। 

शुक्रवार को देर शाम बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में जेजेपी और बीजेपी के आला नेताओं ने मुलाकत की और नई सरकार के गठन के लिए साझा कार्यक्रम बनाया। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, सीएम मनोहर लाल खट्टर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए गठबंधन और सरकार की रूप रेखा साफ की। 

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मनोहर लाल खट्टर दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, जबकि खट्टर के साथ दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। दागी गोपाल कांडा की वजह से आलोचना झेल रही भाजपा को अब निर्दलीय विधायकों की जरूरत नहीं पड़ेगी।  इससे पहले शुक्रवार को शाम चार बजे तक दुष्यंत चौटाला ने अपने पत्ते नहीं खोले थे। 

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और कहा था, "हमारे कुछ विधायक कांग्रेस और कुछ विधायक बीजेपी के साथ सरकार बनाने के पक्ष में हैं। आगामी कुछ दिनों में इसपर फैसला होगा। हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के साथ जिसकी सहमति होगी। हम उसके साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाएंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत हम चाहते हैं कि हरियाणा की सभी नौकरियों में हरियाणवी को 75% आरक्षण मिले।"

पिता अजय चौटाला से 25 मिनट तक की बात
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने तिहाड़ जेल में पिता अजय चौटाला से करीब 25 मिनट तक बात की। जेजेपी हरियाणा में तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है। जेजेपी के पास 10 सीट है। भाजपा के पास 40, कांग्रेस के पास 31 सीटें हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दुष्ंयत चौटाला ने कहा कि पार्टी उनके साथ होगी, जो हमारे मुद्दों को आगे बढ़ाएगा।

कैसे खिसकी सत्ता की चाबी ?

- हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। 90 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए। भाजपा के पास 40 हैं। कांग्रेस के पास 31, जेजेपी के पास 10, निर्दलीय 7 और हरियाणा लोकहित पार्टी के पास 1 और इंडियन नेशनल लोकदल के पास 1 सीट है। 

- जब मतगणना हो रही थी, उस दौरान एक वक्त ऐसा आया जब लगा कि कांग्रेस और भाजपा में एक से दो सीटों का अंतर रहेगा। उसी दौरान दुष्यंत चौटाला का बयान आया कि सत्ता की चाबी हमारे हाथ में है। तब कयास लगाए जाने लगे कि कांग्रेस और जेजेपी मिलकर हरियाणा में सरकार बना सकती है। 

- लेकिन शाम होते-होते सीटों का समीकरण बदल गया। भाजपा 40 पर पहुंच गई। कुछ देर बाद ही निर्दलीय विधायकों को बयान आया कि वह भाजपा का साथ देने के लिए तैयार हैं। ऐसे में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला के बिना भी भाजपा हरियाणा में सरकार बना सकती है।

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