पाकिस्तान टेररिज्म इंडस्ट्री भी चलाए और भारत मदद भी करे, ऐसा नहीं हो सकता...विदेश मंत्री एस जयशंकर की पड़ोसी मुल्क को खरी-खरी

Published : Feb 23, 2023, 11:36 PM ISTUpdated : Feb 23, 2023, 11:40 PM IST
S Jaishankar

सार

जयशंकर मीडिया के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि पाकिस्तान की इकोनॉमी बेहद खस्ताहाल है क्या भारत को इस वक्त मदद नहीं करनी चाहिए।

Jaishankar slams Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अगर आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता तो शायद उसे यह दुर्दिन न देखने पड़ते। पाकिस्तान जैसे देश अगर टेररिज्म इंडस्ट्री चलाएंगे तो उनको दिक्कतों का सामना करना ही पड़ेगा और कोई मदद तक नहीं करेगा। दरअसल, जयशंकर मीडिया के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि पाकिस्तान की इकोनॉमी बेहद खस्ताहाल है क्या भारत को इस वक्त मदद नहीं करनी चाहिए।

आतंकवाद का मुद्दा दोनों देशों के बीच का प्रमुख मसला

जयशंकर एशिया इकोनॉमिक डॉयलाग को संबोधित कर रहे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में असली दूरी आतंकवाद का मुद्दा पैदा करता है। पाकिस्तान जबतक आतंकवाद को प्रश्रय देता रहेगा, दोनों देशों के बीच दूरियां कम नहीं होंगी। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को भारत कैसे नजरअंदाज कर सकता है। आप टेररिज्म इंडस्ट्री को बंद करिए और फिर मदद के बारे में सोचिए।

पाकिस्तान के मंत्री ने स्वीकार किया था मुल्क हो चुका है दिवालिया

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि देश पहले ही चूक कर चुका है। देश के नौकरशाहों, राजनेताओं ने इस हालात में पहुंचा दिया है। अगर समय से हमारे देश के जिम्मेदारों ने ध्यान दिया होता तो आज स्थितियां दूसरी होती लेकिन अब एक कंगाल देश में हम हैं। सियालकोट में एक समारोह को संबोधित करते हुए, ख्वाजा आसिफ ने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए प्रतिष्ठान, नौकरशाही और राजनेताओं को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आपने सुना होगा कि पाकिस्तान दिवालिया हो रहा है या कोई डिफॉल्ट या मेल्टडाउन हो रहा है। यह (डिफॉल्ट) पहले ही हो चुका है। हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी समस्याओं का समाधान देश के भीतर है। आईएमएफ के पास पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान, नौकरशाही और राजनेता सहित सभी मौजूदा आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि पाकिस्तान में कानून और संविधान का पालन नहीं किया जाता है।

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