गुरुवार(5 मई) सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर जम्मू-कश्मीर से लेकर ताजिकिस्तान तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 5.3 थी। हालांकि इन झटकों से किसी जनहानि या अन्य नुकसान की कोई खबर नहीं है। झटके महसूस होते ही कई लोग घरों से बाहर निकल आए, जबकि ज्यादातर लोग उस समय सो रहे थे, इसलिए पता नहीं चला।
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर से लेकर ताजिकस्तान तक(Earthquake tremors from Jammu and Kashmir to Tajikistan) तक गुरुवार(5 मई) सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.3 थी। भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में 170 किमी गहराई में बताया जा रहा है। हालांकि इन झटकों से किसी जनहानि या अन्य नुकसान की कोई खबर नहीं है। झटके महसूस होते ही कई लोग घरों से बाहर निकल आए, जबकि ज्यादातर लोग उस समय सो रहे थे, इसलिए पता नहीं चला। आगे पढ़िए भूकंप से जुड़ीं कुछ अन्य खबरें
पिछले महीने लद्दाख-इंडोनेशिया में में आए थे झटके
24 अप्रैल को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी। जबकि 19 अप्रैल को इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप का केंद्र सुलावेसी से 779 किलोमीटर दूर था। इससे पहले ताइवान की राजधानी ताइपे में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया था।
दुनिया के सबसे भयंकर भूकंप का पता चला
हाल में वैज्ञानिकों ने मानव इतिहास के अब तक के सबसे बड़े भूकंप का पता लगाया है। चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने इसे लेकर रिसर्च की है, जो साइंस एडवांस जर्नल में पब्लिश हुई है। इस रिसर्च के अनुसार, दुनिया का अब तक का सबसे भयंकर भूकंप 3800 साल पहले अब के उत्तरी चिली में आया था। एक टेक्टोनिक प्लेट के टूटने से इस इलाके की तटरेखा(Coastline) ऊपर उठ गई थी। इस भूकंप की तीव्रता 9.5 थी। भूकंप के कारण 8000 किमी तक सुनामी आ गई थी।
कच्छ में भूकंप पीड़ितों के लिए आवास
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कच्छ जिले में आए भूकंप के बाद हुए पुनर्वास के तहत बनाए गए घरों रहने वाले परिवारों को उनका मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी के मुताबिक कच्छ में वर्ष 2001 में आए भीषण भूकंप में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे।
कब खतरनाक होता है भूकंप
2.0 तीव्रता: रिक्टर स्केल पर इस तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है। इसके झटके महसूस तक नहीं होते। माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोज आते हैं।
2.0 से 2.9 तीव्रता: इसे माइनर कैटेगरी में रखा गया है। इस तरह के 1,000 झटके रोज आते हैं। ये भी महसूस नहीं होते।
3.0 से 3.9 तीव्रता: वेरी लाइट कैटेगरी के ये भूकंप एक साल में 49,000 बार आते हैं। ये महसूस होते हैं, लेकिन नुकसान नहीं होता।
4.0 से 4.9 तीव्रता: लाइट कैटेगरी के ये भूकंप एक साल में करीब 6,200 बार आते हैं। ये झटके महसूस होते हैं। इससे चीजें हिलने लगती हैं। इनसे भी नुकसान नहीं होता। इससे अधिक तीव्रता के भूकंप से जानमाल की हानि होने की आशंका बढ़ जाती है।
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