असहाय कपल ने बच्चे की लाश घर ले जाने के लिए अस्पताल से एम्बुलेंस मांगी, लेकिन मैनेजमेंट ने मना कर दिया। कपल रोता रहा-गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने टका-सा जवाब दिया कि वो 120 किमी के लिए एम्बुलेंस नहीं दे सकते। निराश कपल ने फिर स्कूटर पर ही बच्चे की लाश ले जाना तय किया। मां ने अपने कलेजे के टुकड़े की लाश को गोद में लिटाया और दोनों घर के लिए रवाना हो गए। हालांकि जब इसकी खबर पडेरू के अस्पताल को पता चली, तो उन्होंने एम्बुलेंस पहुंचाई। फिर बीच रास्ते से शव को एम्बुलेंस से कुमाडा घर तक लाया गया। इस मामले ने KGH हॉस्पिटल मैनेजमेंट की फजीहत करा दी है। यहां तक कि अस्पताल का IT सेल भी कपल की मदद करने में नकारा साबित हुआ।