नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने अध्यक्ष, उनके सहयोगियों और रिश्तेदारों के माध्यम से राजस्थान और गुजरात में 200 से अधिक शाखाएं खोली हैं। संस्थाओं के नाम पर धोखाधड़ी से सोसायटी के फंड से कर्ज लिया।
नई दिल्ली। नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (Navjeevan Credit Co-operative Society) घोटाला केस में ईडी (ED) ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए लोगों पर आरोप है कि ये लोग मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) में तो शामिल रहे ही साथ ही निवेशकों को उनके निवेश पर अवास्तविक रिटर्न का वादा करके धोखा देने में शामिल थे। गिरफ्तार आरोपियों को 24 दिसंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।
ईडी के एफआईआर में यह है आरोप
ईडी ने नवजीवन घोटाले (Navjeevan Scam) में एफआईआर भी दर्ज कर लिया था। इस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने अध्यक्ष, उनके सहयोगियों और रिश्तेदारों के माध्यम से राजस्थान और गुजरात में 200 से अधिक शाखाएं खोली हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि अध्यक्ष, उनके सहयोगियों और रिश्तेदारों ने सोसाइटी के पैसे का खूब दुरुपयोग किया। सोसाइटी के अध्यक्ष, और उनके करीबी सहयोगियों के स्वामित्व और नियंत्रण वाली संस्थाओं के नाम पर धोखाधड़ी से सोसायटी के फंड से कर्ज लिया। इस कर्ज की वापसी भी नहीं की गई। काफी धन मनी लॉड्रिंग करके विदेशों को भेज दिए गए। यही नहीं लोगों की गाढ़ी कमाई को वापस तक नहीं किया।
क्या है ईडी का कहना?
ईडी (Enforcement Directorate) ने जय नारायण शर्मा और निजामुद्दीन को 11 दिसंबर को नवजीवन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से एक दिन पहले, ईडी ने स्टर्लिंग अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेसर्स आशापुरा एग्रो इंडस्ट्रीज, मेसर्स वेस्टर्न एनर्जेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जय नारायण शर्मा अध्यक्ष स्टर्लिंग अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का आवासीय परिसर; रावत सिंह और प्रीति स्वामी राजस्थान और गुजरात में एक जगह सहित कुल छह जगहों पर तलाशी ली थी। एजेंसी ने आगे कहा कि उन्होंने तलाशी के दौरान 62.60 लाख रुपये नकद, 20 किलो वजन की चांदी और आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए।
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