CBI के बाद ED के चक्कर में फंसे देशमुख, दर्ज हुआ मनी लॉन्ड्रिंग का केस

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कानून के शिकंजे में फंसते ही जा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ED ने इसका आधार CBI की जांच को बनाया है। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटकों और इससे जुड़े मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन वझे को सरंक्षण दिया था। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। 

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2021 6:29 AM IST / Updated: May 11 2021, 01:03 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कानून के शिकंजे में फंसते ही जा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ED ने इसका आधार CBI की जांच को बनाया है। बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटकों और इससे जुड़े मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन वझे को सरंक्षण दिया था। इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। 

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर वसूली के आरोप लगाए थे। इतना ही नहीं उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस केस में सीबीआई जांच की मांग की थी।

सीबीआई ने केस किया दर्ज
हाईकोर्ट से अनुमति के बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू कर दी। सीबीआई ने अप्रैल में भ्रष्टाचार के आरोप में देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वे एनसीपी कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे।

क्या है मामला?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एंटीलिया और मनसुख केस में आरोपी पुलिस अफसर सचिन वझे को संरक्षण दिया था। इतना ही नहीं सिंह का आरोप था कि देशमुख ने वझे को मुंबई से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली करने के लिए भी कहा था।

सचिन वझे ने भी स्वीकारे आरोप 
मुंबई पुलिस से संस्पेंड अफसर सचिन वझे के राष्ट्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिख आरोपों को स्वीकार किया था। पत्र में वझे ने मंत्री अनिल देशमुख और अनिल परब पर वसूली के आरोप लगाए हैं। हाथ से लिखे इस पत्र में सचिन वझे ने दावा किया है कि शरद पवार 2020 में मुंबई पुलिस में उसकी बहाली के खिलाफ थे, वे चाहते थे कि आदेश को रद्द कर दिया जाए। लेकिन अनिल देशमुख ने उनसे कहा कि अगर वे 2 करोड़ रुपए देंगे, तो वे शरद पवार को मना कर उनकी पुलिस में वापसी करा देंगे। सचिन वझे ने दावा किया कि अनिल देशमुख ने उन्हें अक्टूबर 2020 में एक गेस्ट हाउस में बुलाया और मुंबई के 1,650 बार और रेस्टोरेंट से पैसा इकट्ठा करने के लिए कहा था। वझे ने लिखा, मैंने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह मेरे दायरे से बाहर है।

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