पूर्व DGP पिता के मर्डर के बाद बार में टुन्न मिली बेटी, पुलिस ने पकड़ा तो बोली- डोंट आस्क मी

Published : Apr 21, 2025, 04:20 PM IST
कर्नाटका के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश का परिवार।

सार

कर्नाटक के पूर्व DGP ओम प्रकाश की हत्या मामले में बेटी कृति का गुस्सा और अजीब व्यवहार पुलिस के लिए सवाल बन गया है। माँ पल्लवी बेटी को बचाने की कोशिश में हैं।

बेंगलुरु. पत्नी और बेटी द्वारा की गई कर्नाटक के पूर्व डीजी-आईजीपी ओम प्रकाश की हत्या के मामले में बेटी कृति पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है. अपने पिता की हत्या के बाद बेटी कृति मौके से भाग गई थी. जब पुलिस आई तो पत्नी पल्लवी ने कहा कि बेटी कहीं नहीं मिल रही है. इसके बाद पुलिस ने बेटी के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की. तब पता चला कि वो HSR लेआउट के एक बार में है. शराब पी रही कृति को पुलिस वहाँ से पकड़कर सेंट जॉन्स अस्पताल मेडिकल चेकअप के लिए ले गई. इस दौरान कृति ने महिला कांस्टेबल पर हमला किया और नाखून से खरोंच दिया. इसके बाद उसने मेडिकल चेकअप में भी सहयोग नहीं किया. नशे में होने के कारण वो पुलिस पर भड़क रही थी. इस वजह से पुलिस कृति को सेंट जॉन्स अस्पताल में ही इलाज के लिए छोड़कर आ गई.

सोमवार सुबह HSR लेआउट पुलिस स्टेशन लाने पर भी वो वैन से उतरने से इनकार कर रही थी. वहीं, अपनी बेटी को बचाने की कोशिश कर रही माँ पल्लवी कह रही हैं कि उनकी बेटी ने कोई गलती नहीं की है, उसे छोड़ दो. HSR लेआउट पुलिस स्टेशन में पुलिस के हर सवाल पर वो 'डोंट आस्क मी' कहकर चिढ़ा रही थी. इसलिए उसे शांत कराने के लिए पुलिस ने कृति की सहेलियों को बुलाया है.

HSR थाने में पुलिस ने आरोपियों के फिंगरप्रिंट लिए हैं. FSL के फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट्स ने पल्लवी और कृति के फिंगरप्रिंट लिए हैं. हत्या में इस्तेमाल चाकू और मृतक के शरीर पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए गए थे. इसलिए HSR थाने में माँ-बेटी के फिंगरप्रिंट लिए गए. FSL टीम द्वारा फिंगरप्रिंट लेने के दौरान बेटी कृति ने फिंगरप्रिंट देने से इनकार कर दिया. इस वजह से ACP की अगुवाई वाली टीम ने पूछताछ कक्ष में जाकर वीडियो रिकॉर्डिंग की.

 
मत जाओ भैया, बोली थी बहन
ओम प्रकाश के घर से निकलने से पहले उनकी बहन सरिता कुमारी ने उन्हें जाने से मना किया था. लेकिन उन्होंने कहा कि 2 दिन में लौट आऊँगा. लेकिन 2 दिन में वो वापस नहीं लौटे. ऐसी पत्नी और बच्चे हैं, ये कहकर बहन फूट-फूटकर रोई. 4-5 बार फोन करके बुलाया था. मुझे उसी दिन जाना चाहिए था. अगर गई होती तो ऐसा नहीं होता. इतना तड़पाया है उन लोगों ने. कितनी क्रूरता की है देखो. उनमें बहुत दुष्टता है. गंदी-गंदी गालियाँ देते थे. अच्छे शब्दों में बात नहीं करते थे. रात को भी खाना खिलाकर खाया है. मटन-चिकन मंगवाकर खाया है. हमारी कमर टूट गई, ये कहकर वो रो पड़ीं.

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