ट्विन टावर्स गिराने में लगा 3500kg विस्फोटक, इतने में बन जाते 3 अग्नि, 12 ब्रह्मोस और 4 प्रथ्वी मिसाइल

Published : Aug 28, 2022, 03:37 PM ISTUpdated : Aug 28, 2022, 04:13 PM IST
ट्विन टावर्स गिराने में लगा 3500kg विस्फोटक,  इतने में बन जाते 3 अग्नि, 12 ब्रह्मोस और 4 प्रथ्वी मिसाइल

सार

ट्विन टावर्स (twin towers) गिराने में 3500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ है। इतने विस्फोटक से तीन अग्नि-5, 12 ब्रह्मोस और चार प्रथ्वी मिसाइल के वारहेड को भरा जा सकता है।

नई दिल्ली। नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर्स (Supertech twin towers) को रविवार को गिरा दिया गया। इसके लिए 3500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ। इतने विस्फोटक से तीन अग्नि-5, 12 ब्रह्मोस और चार प्रथ्वी मिसाइल के वारहेड को भरा जा सकता है। 

ट्विन टावर्स दिल्ली के प्रसिद्ध कुतुब मिनार से भी अधिक ऊंचा था। इसे ध्वस्त करने में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च हुए। यह भारत की अब तक की सबसे ऊंची इमारत है, जिसे गिराया गया है। मलबे को हटाने में तीन महीने से अधिक समय लगेगा। 

1500kg विस्फोटक ले जाता है अग्नि-5 
अग्नि-5 भारत का सबसे घातक बैलिस्टिक मिसाइल है। इसके वारहेड में करीब 1500 किलोग्राम विस्फोटक भरा जा सकता है। यह परमाणु हमला कर सकता है। अग्नि-5 की बड़ी खासियत एक से अधिक वारहेड से लैस होना है। इस खूबी के चलते मिसाइल के हमले को नाकाम बनाना कठिन हो जाता है। 

अग्नि-5 को डीआरडीओ (Defence Research & Development Organisation) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने मिलकर विकसित किया है। अग्नि- 5 का रेंज 5 हजार किलोमीटर से अधिक है। 1.75 मीटर ऊंचे और दो मीटर व्यास वाले इस मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है। इसमें तीन स्टेज वाला रॉकेट इंजन लगा है। यह ठोस इंधन इस्तेमाल करता है। अग्नि-5 की अधिकतम रफ्तार 29,401 km/h है। मिसाइल को रिंग लेजर जाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (NavIC) से लैस किया गया है। यह सिस्टम सैटेलाइट गाइडेंस के साथ काम करता है। मिसाइल टारगेट पर सटीक हमला करता है। इसे मोबाइल लॉन्चर से फायर किया जा सकता है।

300kg विस्फोटक ले जाता है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है। इसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। यह अपने साथ 300 किलोग्राम विस्फोटक ले जाता है। मिसाइल की टॉप स्पीड 2.8 मैक (हवा में आवाज की गति से लगभग तीन गुणा तेज रफ्तार) है। इसका रेंज 300 किलोमीटर है। इससे अधिक रेंज वाले ब्रह्मोस को भी बनाया गया है। ब्रह्मोस द्वारा किए गए हमले को नाकाम करना बेहद कठिन है। अपनी तेज रफ्तार से यह एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देता है। यह मिसाइल पिन प्वाइंट सटीकता से टारगेट पर हमला करता है। इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना, थल सेना और वायु सेना कर रही है। 

900kg विस्फोटक ले जाता है पृथ्वी मिसाइल
पृथ्वी सतह से सतह पर मार करने वाला टेक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह अपने साथ करीब 900 किलोग्राम विस्फोटक ले जाता है। डीआरडीओ ने इसे इंटिग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत विकसित किया था। इसका संचालन स्ट्रेटेजिक कमांड फोर्स के अधीन है।

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