किसान आंदोलन: पहली बार सकारात्मक रही किसानों की सरकार के साथ बातचीत, 4 मुद्दों में 2 पर बनी सहमति

कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान यूनियनों के बीतचीत में सकारात्मक पहल देखने को मिल रहे हैं। किसानों के कई प्रस्ताव में से दो प्रस्तावों पर मोदी सरकार ने अपनी सहमति जता दी है। 

नई दिल्ली. किसान आंदोलन का आज 36वां दिन है। कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान यूनियनों के बीतचीत में सकारात्मक पहल देखने को मिल रहे हैं। किसानों के कई प्रस्ताव में से दो प्रस्तावों पर मोदी सरकार ने अपनी सहमति जता दी है। किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत में बिजली बिल के मसले को सुलझा लिया गया है और अब पराली जलाना भी जुर्म नहीं होगा। करीब 5 घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर सहमति बन गई है और ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने बुधवार को एमएसपी खरीद प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन पर एक समिति गठित करने की पेशकश की और विद्युत शुल्क (बिजली बिल) पर प्रस्तावित कानूनों और पराली जलाने से संबंधित प्रावधानों को स्थगित रखने पर सहमति जताई, मगर किसान संगठनों के नेता पांच घंटे से अधिक समय तक चली छठे दौर की वार्ता में तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की अपनी मुख्य मांग पर अड़े रहे। अब चार जनवरी को फिर से वार्ता होगी।

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चार में से दो मुद्दों पर बनी सहमति 
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। तोमर ने कहा, 'तीन कृषि कानूनों और एमएसपी पर चर्चा जारी है तथा चार जनवरी को अगले दौर की वार्ता में यह जारी रहेगी।' तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की।

सरकार एमएसपी खरीद पर कानूनी समर्थन देने को तैयार नहीं
पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रुल्दू सिंह मनसा ने कहा कि सरकार एमएसपी खरीद पर कानूनी समर्थन देने को तैयार नहीं है और इसकी जगह उसने एमएसपी के उचित क्रियान्वयन पर समिति गठित करने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने और पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान को हटाने के लिए अध्यादेश में संशोधन करने की पेशकश की है।

केंद्र ने किया था वार्ता के लिए आमंत्रित 
केंद्र ने सितंबर में लागू तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए ''खुले मन से ''तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए किसान यूनियनों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। 'संयुक्त किसान मोर्चा' ने मंगलवार को अपने पत्र में कहा था कि एजेंडे में तीनों विवादित कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने के विषय को शामिल किया जाना चाहिए।
 

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