आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने शौचालय में लगाई फांसी, नोट में लिखा- यहीं मेरा अंतिम संस्कार करना

किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है। सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने आंदोलन उग्र करने की चेतावनी दी है। हालांकि सरकार और किसानों के बीच अगली बातचीत 4 जनवरी को होनी है। उम्मीद की जा रही है कि इस बातचीत में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2021 3:35 AM IST / Updated: Jan 02 2021, 02:01 PM IST

नई दिल्ली. किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है। सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने आंदोलन उग्र करने की चेतावनी दी है। हालांकि सरकार और किसानों के बीच अगली बातचीत 4 जनवरी को होनी है। उम्मीद की जा रही है कि इस बातचीत में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा। इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को 75 साल के एक किसान कश्मीर सिंह ने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। 

सुसाइड नोट में उसने लिखा है, आखिर हम कब तक बैठे रहेंगे। सरकार फेल हो गई है। सरकार सुन नहीं रही है। इसलिए मैं जान देकर जा रहा है। मेरे बच्चों के हाथों दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही मेरा अंतिम संस्कार होना चाहिए। मेरा परिवार बेटा-पोता यहीं पर आंदोलन में ही हैं। फिलहाल किसान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने सुसाइड नोट को अपने कब्जे में ले लिया है।

Latest Videos

26 जनवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च

किसान संगठनों ने शनिवार को घोषणा की कि  26 जनवरी को दिल्ली की तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान यूनियन नेताओं ने कहा, हम शांत थे हैं और रहेंगे। लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर तब तक रहेंगे जब तक कि नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है। 

आज 12.30 बजे किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
किसानों की 7 सदस्यीय कमेटी आज दिल्ली प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करेगी। किसानों का कहना है कि उसी में अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा। 

सेल्फी लेने वाले सिख का विरोध
7वें दौर की बातचीत में एक सिख ने केंद्रीय मंत्री के साथ सेल्फी ले ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस सिख नौजवान का विरोध हुआ है। नेताओं ने कहा, ऐसे लोग संघर्ष का हिस्सा नहीं। सरकार को एक किसान सेल्फी वाला नहीं मिलता। 

"युवा किसान संयम खो रहा है"
किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है। युवा किसान संयम खो रहा है। सरकार इस धरने को शाहीन बाग बनाने की कोशिश कर रही है। पहली और दूसरी मांग हमारी कृषि कानून और एमएसपी गारंटी कानून बनाना है। तीसरी और चौथी मांग मानकर सरकार गुमराह कर रही है। सरकार बड़ी कामयाबी का दावा कर रही है लेकिन अभी पूछ निकली है हाथी बाकी है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
धारा 370 पर मोदी ने खुलेआम दिया चैलेंज #Shorts
'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
अमेरिका में किया वादा निभाने हरियाणा के करनाल पहुंचे राहुल गांधी | Haryana Election
कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों