कृषि कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुन वकील ने चीफ जस्टिस से कहा- साक्षात भगवान

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसके अलावा कोर्ट ने मुद्दे को हल करने के लिए चार सदस्यों की कमेटी भी बनाई है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच का फैसला सुन कृषि कानूनों के खिलाफ याचिका लगाने वाले वकील एम एल शर्मा सीजेआई की तारीफ करने लगे। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2021 9:42 AM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसके अलावा कोर्ट ने मुद्दे को हल करने के लिए चार सदस्यों की कमेटी भी बनाई है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच का फैसला सुन कृषि कानूनों के खिलाफ याचिका लगाने वाले वकील एम एल शर्मा सीजेआई की तारीफ करने लगे। 
 
एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चीफ जस्टिस एस ए बोबडे को साक्षात भगवान कहा। एम एल शर्मा ने कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताया। वे इसका लगातार विरोध कर रहे थे। 

इन तीनों कानूनों पर लगी रोक
एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच ने तीन कृषि कानून, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 के किसानों (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता, किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम और उत्पादन आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन पर अगले आदेश तक रोक लगाई।
 
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हल करने के लिए चार लोगों की कमेटी बनाई है। कमेटी में ये चार लोग शामिल 

1. जितेंद्र सिंह मान (प्रेसिडेंट, भारतीय किसान यूनियन)
2. डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (इंटरनेशनल पॉलिसी हेड) 
3. अशोक गुलाटी (एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट)
4. अनिल धनवत (शेतकरी संगठन, महाराष्ट्र) 

सरकार को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और किसान संगठनों को जमकर फटकरा लगाई। कोर्ट ने कहा, कानून की वैधता और नागरिकों के जीवन को लेकर चिंतित है। चीफ जस्टिस ने कहा, हम इस मुद्दे को हल करने के लिए कमेटी बनाने जा रहे हैं। हम यह नहीं सुनना चाहते कि किसान कमेटी के पास नहीं जाएंगे। हम इस मामले को हल करना चाहते हैं। अगर किसान भी इस पर हल चाहते हैं तो वे यह नहीं कह सकते कि कमेटी के पास नहीं जाएंगे। 

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