कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार को देशभर में 4 घंटे तक रेल रोकेंगे। वहीं, रेलवे ने किसानों के इस ऐलान को देखते हुए प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनाती की हैं। रेलवे ने कहा, हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा ना करें और ये चार घंटे आसानी से बीत जाएं।
नई दिल्ली. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार को देशभर में 4 घंटे तक रेल रोकेंगे। वहीं, रेलवे ने किसानों के इस ऐलान को देखते हुए प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनाती की हैं। रेलवे ने कहा, हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा ना करें और ये चार घंटे आसानी से बीत जाएं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में 'रेल रोको आंदोलन' होगा।
इन राज्यों पर है फोकस
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने कहा, हमारा मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और प बंगाल जैसे राज्यों पर है। हम चाहते हैं कि यह सब आसानी से बीत जाए।
भाजपा को राजनीतिक नुकसान की सता रही चिंता
उधर, किसान आंदोलन को देखते हुए अब भाजपा को राजनीतिक नुकसान की चिंता सताने लगी है। पार्टी का मानना है कि जल्द इस समस्या को हल ना किया गया तो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जाट बहुल इलाकों में बड़ा नुकसान हो सकता है।
रणनीति बनाने में जुटी भाजपा
ऐसे में भाजपा अब स्थानीय विधायकों और सांसदों से मिल रही प्रतिक्रिया के आधार पर रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी की ओर से स्थानीय नेताओं से जाट किसानों से संपर्क में रहने के लिए भी कहा गया है।
किसान आंदोलन को लेकर मंगलवार को भाजपा दफ्तर में बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी महासचिव बीएल संतोष, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के नेता शामिल हुए। बैठक में नेताओं से कहा गया कि वे अपने क्षेत्रों में स्थानीय खापों, पंचायतों का आयोजन करें, ताकि किसानों को कृषि कानूनों के बारे में समझाया जा सके।