FASTag के लागू होने के बाद उलझन में लोग, की यह गलती तो देना होगा दोगुना टैक्स

Published : Dec 15, 2019, 01:09 PM ISTUpdated : Dec 15, 2019, 01:17 PM IST
FASTag के लागू होने के बाद उलझन में लोग, की यह गलती तो देना होगा दोगुना टैक्स

सार

राष्ट्रीय राजमार्गों पर FASTag की सुविधा शुरू हो कर दी गई है। जिसमें यात्री टोल प्लाजा पर बिना रुके और समय गवाएं टोल टैक्स दे सकेंगे। यह सुविधा 16 दिसंबर से लागू कर दी गई है। इन सब के बीच उपभोक्ताओं के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। 

नई दिल्ली. FASTag को लागू करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने जो 15 दिन का रास्ता तय किया है, उससे बहुत मदद नहीं मिली है। दिल्ली के आसपास के टोल प्लाजा में FASTag को लेकर संकट का दौर जारी है। जिसमें उपभोक्ता के बीच रिचार्ज और पेमेंट को लेकर उलझन है। 

अड़चनों को दूर करने के लिए बना नियम 

राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम और तमाम अड़चनों को कम करने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने नए नियम बनाए हैं। जिसमें सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के लेन टोल प्लाजा को 15 दिसंबर, 2019 तक फास्टैग लेन के रूप में घोषित किया गया है। शनिवार को, केंद्र ने अनिवार्य FASTag के रोल आउट के लिए अपने नियमों में ढील दी है। जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक लेन में नगदी भुगतान करने को जारी रखने का निर्णय लिया है। 

FASTag लेन में गलती से घुसने पर देना होगा डबल टैक्स 

FASTag प्रक्रिया के लागू होने के बाद से 25 प्रतिशत लेन को अस्थायी रूप से हाइब्रिड लेन में बदला गया है। जो लोग नकद भुगतान करना चाहते हैं, उन्हें इन हाइब्रिड लेन में टोल राशि का दोगुना शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही यदि वाहन FASTag लेन में प्रवेश करता हैं और FASTag नहीं है तो टोल टैक्स की दोगुना राशि देनी होगी। 

537 टोल प्लाजा फास्टैग के लिए तैयार 

FASTag एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन स्टिकर जो आमतौर पर किसी वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाएगा। जिससे टोल बूथों पर वाहनों को रूकने की जरूरत नहीं है। वायरलेस तरीके से रीड कर FASTag  से लिंक बैंक अकाउंट से निर्धारित टोल टैक्स की कटौती कर लेगा। एनएचएआई के अनुसार, वर्तमान में 537 टोल प्लाजा फास्टैग के लिए तैयार हैं। 

बढ़ गया कलेक्शन 

बिक्री में तेजी लाने के लिए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने पिछले महीने घोषणा की कि NHAI द्वारा बेचे गए सभी FASTags को 15 दिसंबर तक मुफ्त में दिया जाएगा। हालांकि, मीडिया रिपोर्टस की माने तो कंपनियां फास्टैग को बेचने के लिए 400-500 के बीच चार्ज कर रही थीं, जिसमें सिक्योरिटी मनी भी शामिल है। राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, FASTags के तहत डेली के एवरेज लेन देन जुलाई में 8.8 लाख से बढ़कर नवंबर में 11.2 लाख हो गया। एक ही समय अवधि में औसत डेली कलेक्शन 11.2 करोड़ से बढ़कर 19.5 करोड़ हो गया।

1 दिसंबर से होना था लागू 

केंद्र सरकार इसको 1 दिसंबर से अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय लिया था। लेकिन अधिकांश लोगों का FASTag न बन पाने के कारण केंद्र सरकार ने इसकी समय सीमा बढ़ा दी थी। जिसमें सरकार ने 16 दिसंबर से इसे अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। 

PREV

Recommended Stories

जिन्ना के 'मुन्ना' को भी वंदे मातरम से दिक्कत, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा
IndiGo Crisis: इंडिगो पर कड़ा एक्शन होगा, सरकार ने संसद में दी चेतावनी