कोरोना से हुई परेशानियों पर बोलीं वित्त मंत्री, '6 राज्यों के 116 जिलों में माइग्रेंट की संख्या तेजी से बढ़ी'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस पीसी में उनके साथ लेबर मंत्री संतोष गंगवार और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। वित्तमंत्री ने इस दौरान कोरोना वायरस से हुई समस्याओं को लेकर मीडिया से बातचीत की। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 18, 2020 11:24 AM IST

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस पीसी में उनके साथ लेबर मंत्री संतोष गंगवार और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। वित्तमंत्री ने इस दौरान कोरोना वायरस से हुई समस्याओं को लेकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 6 राज्यों के 116 जिलों में माइग्रेंट की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके साथ ही गरीब कल्याण कैंपेन के बारे में कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में इंफ्रा और रोजगार को पैदा करने का है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को लॉन्च करेंगे। 

ऐसी है स्कीम 

सरकार ने कहा कि इस कैंपेन को मिशन मोड के रूप में 125 दिनों को शामिल किया जाएगा, जिसमें 25 अलग अलग प्रकार के कामों को तय किया जाएगा। यह काम प्रवासी मजदूरों को दिए जाएंगे। इस कैंपेन के जरिए ग्रामीण इलाकों में 50 हजार करोड़ रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। यह 6 राज्यों के 116 जिलों में फैला होगा। इन 6 राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उड़ीसा का समावेश है। इससे दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को कवर किए जाने की उम्मीद है।

मंत्रालय और विभागों के को-ओर्डिनेशन से चलेगा अभियान 

इस गरीब कल्याण रोजगार अभियान को 12 अलग-अलग मंत्रालय और विभागों के साथ को-ओर्डिनेशन कर चलाया जाएगा। इसमें प्रमुख रूप से ग्रामीण डेवलपमेंट, पंचायती राज, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे, माइंस, ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटाइजेशन, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, बॉर्डर रोड, टेलीकॉम और एग्रीकल्चर को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस कैंपेन को चलाएंगी और कामगारों के स्किल मैपिंग का काम 116 जिलों में करेंगी।

इन प्रोजेक्ट्स से मिलेगा प्रवासी मजदूरों को काम

पीसी के दौरान निर्मला सीतारमण ने 25 अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के बारे में बताया। इसमें उन प्रवासी मजदूरों को काम दिया जाएगा जो कोरोना के कारण शहरों से वापस लौटे हैं। इसके लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि जिन जिलों की पहचान की गई है, उसमें हर जिले में 25,000 प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं। 116 जिलों के गांवों को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत कॉमन सर्विस सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र से जोड़ा जाएगा। 

देश में दूसरे आर्थिक पैकेज पर भी चर्चा

बता दें कि इस समय देश में दूसरे आर्थिक पैकेज पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि दूसरी तिमाही के अंतिम महीने तक देश में एक और आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा सकती है। इसके पहले 20.97 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का पूरा ब्यौरा वित्तमंत्री ने एक हफ्ते में दिया था। हाल में जीडीपी के आंकडों सहित अन्य आंकड़े कोरोना की वजह से प्रभावित रहे हैं।

सरकार ने एजीआर में सरकारी कंपनियों को दी छूट

वित्तमंत्री की 4 बजे होनेवाली प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही आज दोपहर में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सरकारी कंपनियों के एजीआर बकाए को लेकर स्थिति साफ कर दी है। सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपए में से केवल 16 हजार करोड़ रुपए लेने का फैसला किया है।

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