पहली कक्षा के बच्चे को टॉयलेट जाना पड़ा मंहगा, रो रो कर हुआ बुरा हाल

ओडिशा में पहली कक्षा के एक बच्चे को स्कूल में एक घंटे से ज्यादा समय तक अकेले रहना पड़ा क्योंकि स्कूल के कर्मचारी ने शौचालय की जांच किए बिना ही स्कूल का दरवाजा बंद कर दिया। इस मामले में बालासोर स्थित सरकारी महावीर नोडल स्कूल की प्रधानाचार्या को अपने कार्य में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

बालासोर. ओडिशा में पहली कक्षा के एक बच्चे को स्कूल में एक घंटे से ज्यादा समय तक अकेले रहना पड़ा क्योंकि स्कूल के कर्मचारी ने शौचालय की जांच किए बिना ही स्कूल का दरवाजा बंद कर दिया। इस मामले में बालासोर स्थित सरकारी महावीर नोडल स्कूल की प्रधानाचार्या को अपने कार्य में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पहली कक्षा का एक बच्चा एक घंटे से ज्यादा समय तक स्कूल में अकेले रहा। वह शौचालय गया था लेकिन उसी दौरान स्कूल के कर्मचारी ने वहां किसी के होने की जांच किए बिना ही दरवाजा बंद कर दिया। बच्चे के पिता को उसे लेने के लिए स्कूल पहुंचने में कुछ देर हो गई थी। 
बच्चा स्कूल के दरवाजे के पास आकर रोने लगा। इसके बाद वहां से गुजर रहे लोगों ने बच्चे को चुप कराया और उस कर्मचारी को बुलाया, जिसके पास स्कूल की चाभी थी। बच्चे के पिता ने कहा कि स्कूल के द्वार पर ताला लगाने वाले कर्मी ने यह जांच ही नहीं की कि अंदर कोई है या नहीं। मेरे बेटे ने शौचालय जाने से पहले टीचर को सूचित किया था। वहीं प्रधानाचार्या शांति प्रतिमा महापात्र का कहना है कि स्कूल सड़क के किनारे होने की वजह से वह द्वार पर ताला लगवा देती थीं।

(नोट- यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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