जीएसटी काउंसिल की बैठक में अहम फैसला, बिना टैक्स लायबिलिटी वालों को नहीं देना होगा विलंब शुल्क

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने बैठक में हुए अहम फैसलों के बार में जानकारी दी। उन्होंने बताया, जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक के बहुत सी रिटर्न फाइलिंग लंबित है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 12, 2020 10:38 AM IST

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने बैठक में हुए अहम फैसलों के बार में जानकारी दी। उन्होंने बताया, जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक के बहुत सी रिटर्न फाइलिंग लंबित है। ऐसे में जिन लोगों की कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं है, उन्हें किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं देना होगा। 

छोटी कंपनियों को भी मिली राहत
इसके अलावा इस बैठक में छोटी कंपनियों को भी राहत मिली है। छोटी कंपनियों को मई से जुलाई के बीच जीएसटी रिटर्न दाखिल करते वक्त कोई विलंब शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा इन कंपनियों के लिए देर से जीएसटी रिटर्न भरने पर लगने वाले ब्याज को भी आधा कर दिया गया है। अब इन कंपनियों को 9% ब्याज देना होगा। यह नियम 1 जुलाई, 2020 से 31 सितंबर, 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर लागू होगा। 

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GSTR-3B लेट फाइल करने पर अधिकतम शुल्क की सीमा 500 हुई
इसके अलावा इस बैठक में जुलाई 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के GSTR-3B के लिए विलंब शुल्क में कमी की गई है। अब GSTR-3B को लेट फाइल करने पर शुल्क की अधिकतम सीमा 500 रुपए कर दी गई है। 
 
भारत में टैक्स के चार स्लैब मौजूद
मौजूदा वक्त में जीएसटी में 4 टैक्स स्लैब 5, 12, 18 और 28% हैं। इन्हीं के तहत टैक्स वसूला जाता है। अभी 28% टैक्स स्लैब लक्जरी, और डीमेरिट गुड्स पर लगाया जाता है। राज्य इसी टैक्स से किसी भी नुकसान की भरपाई करते हैं। 

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