संसद के गलियारे में पहली बार किसी नेता ने किया ऐसा काम, सोशल मीडिया पर भी शेयर किया वीडियो

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ने अपना भाषण शुरू करने से पहले कहा कि विपक्षी दल पिछले पांच दिन से लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिये नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोनों सदनों में काम रोक रही है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2020 3:48 PM IST

नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए संसद भवन के गलियारे से 10 मिनट का भाषण दिया और दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की। उनका कहना है कि सरकार दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की इच्छुक नहीं है।

डेरेक का आरोप सरकार संसद नहीं चलने दे रही

Latest Videos

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ने अपना भाषण शुरू करने से पहले कहा कि विपक्षी दल पिछले पांच दिन से लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिये नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोनों सदनों में काम रोक रही है। डेरेक ने कहा, 'मैं तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाषण देने के लिये तैयार था। सभापति महोदय मैं क्या कर सकता हूं, सरकार संसद चलने नहीं दे रही। आज यानि शुक्रवार को मुझे अपना भाषण देना था और मैं इसे सदन में न देकर प्रथम तल पर दे रहा हूं। हमें आवाज सुनाने के लिये अलग-अलग तरीके अपनाने पड़ रहे हैं। इसलिये मैं यहां आया हूं।'

डेरेक ने अपने भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर भी डाला 

उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने प्रभावित इलाकों का दौरा तक नहीं किया। हिंसा भड़काऊ नारेबाजी से शुरू हुई। हम सभी जानते हैं कि किन लोगों ने ये सब किया। उन्हें ऐसे नारे लगाने की हिम्मत कहां से मिली? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से। एकदम ऐसा लगा कि उन्होंने ही इन नारों को मान्यता दी है। ये नारे कट्टरता और नफरत फैला रहे हैं।'

सरकार मुश्किल सवालों का जवाब नहीं देना चाहती

सांसद ने आरोप लगाया, ‘‘(प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी और (गृह मंत्री अमित) शाह सिर्फ चुनावी कार्यक्रम तय करते हैं। सार्वजनिक मंचों पर पर्याप्त साक्ष्य हैं जो संकेत करते हैं कि इस तरह के दंगों और नरसंहार से सिर्फ एक राजनीतिक दल को लाभ होता है... उन्होंने संसद की कार्यवाही ठप कर रखी क्योंकि वे मुश्किल सवालों का जवाब नहीं देना चाहते।’’ दिल्ली हिंसा की तुलना नाजी जर्मनी से करते हुए डेरेक ने कहा, ‘‘नरसंहार एक प्रक्रिया है, नाजियों के वक्त भी यह गैस चेंबरों से शुरू नहीं हुआ था। यह घृणा फैलाने वाले नारों से शुरू हुआ था।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चर्चा के लिए विपक्षी दलों द्वारा दिए गए नोटिसों में से आखिरी नोटिस नवंबर 2016 में स्वीकार किया गया था।

(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
Shocking Video: उत्तराखंड में दरका पहाड़ और बंद हो गया हाईवे #Shorts
CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?