मैं गर्भवती हूं, अपने घर जाना है...ऐसे शुरू हुई 4 गर्भवती महिलाओं की कहानी, जो हादसे के वक्त विमान में थीं

"मैं गर्भवती हूं और मैं जल्द से जल्द देश छोड़ना चाहती हूं। मेरा वीजा भी खत्म होने वाला है। कृपया मेरी मदद करें और मुझे फ्लाइट का टिकट दें..." यह मैसेज 26 साल की मनल अहमद का है। वंदे भारत मिशन के तहत चलाई गई फ्लाइट से भारत आने के लिए उन्होंने ऐसा लिखा था। मनल उन चार गर्भवती महिलाओं में से एक हैं, जो केरल में हादसे के दौरान विमान में मौजूद थीं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2020 1:30 PM IST / Updated: Aug 10 2020, 01:57 PM IST

नई दिल्ली. "मैं गर्भवती हूं और मैं जल्द से जल्द देश छोड़ना चाहती हूं। मेरा वीजा भी खत्म होने वाला है। कृपया मेरी मदद करें और मुझे फ्लाइट का टिकट दें..." यह मैसेज 26 साल की मनल अहमद का है। वंदे भारत मिशन के तहत चलाई गई फ्लाइट से भारत आने के लिए उन्होंने ऐसा लिखा था। मनल उन चार गर्भवती महिलाओं में से एक हैं, जो केरल में हादसे के दौरान विमान में मौजूद थीं। दुख की बात है कि मनल अब इस दुनिया में नहीं है। हादसे में उनकी मौत हो गई। 

Image

 

कुछ महीने पहले ही मनल अपने पति के पास दुबई गई थीं। लेकिन कोरोना में फ्लाइट कैंसिंल होने की वजह से वापस नहीं आ सकीं। इसी दौरान वंदे भारत मिशन के तहत कुछ फ्लाइट चलाने की घोषणा हुई। मनल तभी से टिकट के लिए कोशिश कर रही थीं। 

मनल की तरह ही एक कहानी थजीना कोट्टायिल की भी है। 32 साल की थजीना कोट्टायिल एमआईएमएस को केयर यूनिट में भर्ती हैं। वह भी अपने पति से मिलने के लिए दुबई गई थीं। उनके साथ दो बच्चे भी थे।11 साल का हसन और 8 साल की हादिया। 

थजीना कोट्टायिल के ससुर मोहम्मद ने कहा, जब वह दुबई में थी तब गर्भवती थी। वह वापस आने की कोशिश कर रही थी। उसका वीजा भी खत्म होने वाला था। अब वह आसीयू में है। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। मां को भी सिर में चोट लगी है। उसके दोनों बच्चे भी अस्पताल में एडमिट हैं। दोनों की हालत नाजुक है। 

 

विमान में पांच महीने की गर्भवती आयशा भी थी। वीजा खत्म होने के बाद वह भी केरल लौट रही थी। वह अभी हॉस्पिटल में हैं।

आयशा के पति इस्माइल ने बताया, मैंने कहा था कि लैंडिंग के बाद तुरन्त फोन करना। लेकिन उसने नहीं किया। करीब एक घंटे बाद मैंने विमान के क्रैश होने की खबर सुनी। मैं डर गया। मेरे रिश्तेदारों ने कहा, वह सुरक्षित है। उसे कोई घाव नहीं लगी। लेकिन अब तक मेरी उससे बात नहीं हुई। मैं कोरोना की वजह से घर नहीं जा सकता। क्योंकि 28 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा। 

हादसे में गर्भवती महिलाओं में एक नाम नाफला का भी है। उन्हें भी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उन्हें गंभीर चोट नहीं है। उन्हें रात भर हॉस्पिटल में रखा गया और सुबह छोड़ दिया गया। वह वापस अपने घर केरल चली गईं। साथ में उनकी बेटी भी थी।

Share this article
click me!