सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ घटता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का पांचवा एपिसोड, जो आपके लिए लाया है सोशल मीडिया से दूर भाग रहे नेताजी से लेकर 'फुस्सी बम' की रोचक कहानी।
From The India Gate: सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। अंदरखाने कई बार ऐसी चीजें निकलकर आती हैं, जो वाकई बेहद रोचक और मजेदार होती हैं। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का पांचवा एपिसोड, जो आपके लिए लाया है सोशल मीडिया से दूर भाग रहे नेताजी से लेकर 'फुस्सी बम' की रोचक कहानी।
भाजपा वालों में आखिर किसका है सुंदर चेहरा!
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के नेता इन दिनों सुंदर चेहरे की तलाश कर रहे हैं। वह कोई पुरुष हो या महिला। यह अभी तय नहीं है लेकिन खोजबीन जारी है। अधिकतर नेता महिला को महिला से रिप्लेस करने की बात कर रहे हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले बीजेपी के नेशनल लेवल के राजस्थानी नेता ने बड़ा धमाका कर दिया। नेताजी ने आने वाले राजस्थान चुनाव में CM फेस पर कहा- वह कोई सुंदर चेहरा हो सकता है। बस फिर क्या था, सुंदर चेहरे की तलाश शुरू हो गई। अब सवाल यह उठता है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को किस सुंदर महिला नेता से रिप्लेस करने की बात अंदरखाने चल रही है। दूसरा सवाल यह है कि वो सुंदर चेहरे वाली महिला क्या राजस्थान में एक बड़े राजघराने की बेटी हो सकती है? हालांकि, सुंदर चेहरे की हवा जब से चल पड़ी है, तब से राजकुमारी को बधाइयां देने वालों की लाइन लगी हुई है।
राजस्थान में सोशल मीडिया से दूर क्यों भाग रहे कांग्रेसी नेता..
राजस्थान और दिल्ली के बड़े कांग्रेसी नेता इन दिनों सोशल मीडिया से दूर भाग रहे हैं। ऐसा जुम्मा-जुम्मा 4 दिन से हो रहा है। दरअसल, कुछ दिन पहले उदयपुर में सरकारी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। पुलिस ने 60 से ज्यादा नकलची पकड़ लिए, 2 मास्टर माइंड अभी फरार हैं। उनमें से एक आरोपी का कनेक्शन राजस्थान के बड़े कांग्रेसी नेताओं के साथ है। आरोपी की दर्जनों फोटोज सोशल मीडिया पर नेता जी के साथ मौजूद है। अब बीजेपी वाले इन फोटोज को सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं और पूछ रहे ये रिश्ता क्या कहलाता है? गिरोह का जो मास्टरमाइंड है, वह कांग्रेस आइडियोलॉजी का है। यानि उसे कांग्रेसी नेताओं के साथ फोटो खिंचवाना पंसद है। दिल्ली और राजस्थान के 15 से ज्यादा बड़े कांग्रेसी नेताओं के साथ मास्टर माइंड की फोटोज वायरल हो रही है। बीजेपी इसलिए मजे ले रही है क्योंकि पार्टी के साथ आरोपी की अभी तक एक भी फोटो नहीं आई है।
From The India Gate: इधर राजनीति के 'चाणक्य' ने 15 मिनट में पलट दिया खेल, उधर 'मौसम' की आड़ लेते दिखे नेताजी
अपने नेताओं की ही मुश्किलें बढ़ा रहा है छोटे नेताजी का जेल टूर..
समाजवादी पार्टी के कई नेता इन दिनों अपनी सालों पुरानी गलतियों के चलते जेल यात्रा पर हैं। भले ही आजम खां जेल से बाहर हैं लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। आजम खां के समय में हुई गलती को सुधारते हुए छोटे नेताजी इन दिनों जेल टूर पर हैं। हालांकि उनका यह जेल टूर अपने ही नेताओं की मुश्किले बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है। छोटे नेताजी जेल के अंदर से जैसे ही पार्टी के नेता से मुलाकात कर निकलते हैं, दूसरे दिन जेल में बंद नेता की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ऐसा ही एक नजारा उन दिनों देखने को मिला, जब छोटे नेताजी अपने कानपुर के एक विधायक से मिलने जेल पहुंचे। छोटे नेताजी की मुलाकात तो हो गई लेकिन अगले ही दिन जेल में बंद विधायक का एड्रेस बदल दिया गया। इसको लेकर तमाम हो-हल्ला हुआ लेकिन निर्णय सरकारी था इसलिए कोई बदल न सका।
जोरदार धमाके की उम्मीद थी, लेकिन निकला फुस्सी बम..
जब कन्नूर के ईपी जयराजन और पी जयराजन के बीच तलवारें खिंचीं, तो कई लोगों को उम्मीद थी कि इनके बीच एक उग्र मुकाबला देखने को मिलेगा। हालांकि, हाई ड्रामे के बीच ईपी जयराजन ने यह स्वीकार कर लिया कि आयुर्वेदिक रिसॉर्ट परियोजना में उनका कोई हिस्सा नहीं था। इसके बाद कॉमरेडों की लड़ाई का यह मुद्दा फीका पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि, ईपी जयराजन ने ये जरूर स्वीकार किया कि उनकी पत्नी और पुत्र इसमें स्टॉकहोल्डर थे। पार्टी ने उनकी बात ध्यान से सुनी और आखिर में ये मान लिया कि पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वाली परियोजना में एक कॉमरेड का उनकी पत्नी और बेटे द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के निवेश से कोई लेना-देना नहीं है। यहां तक कि पी जयराजन ने भी ईपी के खिलाफ आरोप नहीं लगाए। लेकिन सबकी निगाहें राज्य कमेटी की बैठक पर टिकी हैं कि आखिर इस मुद्दे पर दोबारा कब चर्चा होगी। हालांकि, लाल किले के अंदर क्या होता है, इसकी पुख्ता जानकारी बाहर वालों को शायद ही पता चले।
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