गणेश चतुर्थी 2024: मशहूर कलाकार जी.डी. भट्ट ने बनाई गणेश मूर्तियां
उत्तर कन्नड़: गणेशोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. गणपति के स्वागत के लिए पूरा देश सज रहा है. अगले महीने गणेश उत्सव है और अभी से ही धूमधाम से तैयारी चल रही है.
गणपति बनाने वाले कलाकार भी महीनों पहले से ही गणेश प्रतिमा बनाने में जुट जाते हैं. कलाकार विभिन्न मुद्राओं में गणेश प्रतिमा बनाने में लगे हुए हैं.
उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नावर तालुक के प्रसिद्ध कलाकार केक्कार जीडी भट्ट ने अब तक सैकड़ों गणपति की मिट्टी की मूर्तियां तैयार कर ली हैं.
मिट्टी से बनी गणपति की मूर्तियों पर कारीगरी का काम कर रहे हैं. कुछ ही दिनों में रंग रोगन कर तैयार हो जाएगी.
राज्य में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बावजूद राज्य भर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की बिक्री बेरोकटोक जारी है.
लेकिन, प्रसिद्ध कलाकार केक्कार जीडी भट्ट केवल मिट्टी से ही सैकड़ों गणपति की मूर्तियां बनाते हैं. इसके जरिए भट्ट पर्यावरण के अनुकूल गणेश प्रतिमा बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं.
प्रसिद्ध कलाकार केक्कार जीडी भट्ट गणेश प्रतिमा बनाने में बहुत प्रसिद्ध हैं. भट्ट द्वारा बनाई गई गणपति की मूर्तियों की काफी मांग है
गणेश चतुर्थी का त्योहार मुंबई में बहुत ही खास होता है. मुंबई में कई दशकों से कुछ संगठन गणेश उत्सव मनाते आ रहे हैं. इनमें जीएसबी सेवा मंडल भी एक है. इस बार भी जीएसबी सेवा मंडल का गणेश दुनिया के सबसे अमीर गणपति होने का गौरव हासिल करने जा रहा है. जीएसबी गणपति का इस बार पूरे 400.58 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया है.
मुंबई का जीएसबी सेवा मंडल इस बार 5 दिनों तक गणेशोत्सव मनाएगा. 7 सितंबर से 11 सितंबर तक धूमधाम से गणेशोत्सव मनाया जाएगा. जीएसबी गणेश के दर्शन के लिए भक्त अभी से तैयार हैं. लेकिन गणेश का अनावरण 5 सितंबर को जीएसबी सेवा मंडल करेगा. जीसबी सेवा मंडल हर साल गणेशोत्सव पर करोड़ों रुपये खर्च करता है. इस बार 70वें गणेशोत्सव के मौके पर बीमा राशि बढ़ा दी गई है.
गणपति बनाने वाले कलाकार भी महीनों पहले से ही गणेश प्रतिमा बनाने में जुट जाते हैं. कलाकार विभिन्न मुद्राओं में गणेश प्रतिमा बनाने में लगे हुए हैं.
इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है. आज से ही गणेश उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं और 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समापन होगा. इस दिन, गणपति का जल में विसर्जन करके उन्हें विदाई दी जाती है.