कोरोना के खिलाफ जंग में भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब उन्होंने अपनी नौकरानी का अंतिम संस्कार किया। बताया जा रहा है कि उनकी घरेलू सहायिका 6 साल से उनके यहां काम कर रहीं थीं और लॉकडाउन के चलते उनका शव ओडिशा नहीं पहुंच पा रहा था।
नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ जंग में भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब उन्होंने अपनी नौकरानी का अंतिम संस्कार किया। बताया जा रहा है कि उनकी घरेलू सहायिका 6 साल से उनके यहां काम कर रहीं थीं और लॉकडाउन के चलते उनका शव ओडिशा नहीं पहुंच पा रहा था। इतना ही नहीं गंभीर ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।
सरस्वती पात्रा पिछले 6 साल में गौतम गंभीर के यहां काम कर रही थीं। गंभीर ने ट्वीट किया, मेरे बच्चों की देखभाल करने वाली घरेलू सहायिका नहीं हो सकती। वे मेरे परिवार का हिस्सा थीं। उनका अंतिम संस्कार करना मेरा फर्ज था।
गंभीर ने आगे लिखा, मेरा मानना रहा है कि व्यक्ति किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, समाजिक दर्जे का हो, वह सम्मान का हकदार है। इसी से हम बेहतर समाज और देश बना सकते हैं। ओम शांति।
21 अप्रैल को हुआ था निधन
49 साल की सरस्वती पात्रा ओडिशा के जाजपुर की थीं। उन्हें सुगर और हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। उन्हें हाल ही में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 अप्रैल को उनका निधन हो गया। वहीं, गौतम गंभीर के इस कदम की केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तारीफ की है। उन्होंने कहा, गंभीर के इस नेक काम की बदौलत उन लाखों गरीबों के मन में इंसानियत का विश्वास गहरा हो जाएगा, जो कमाई के लिए घर से दूर जाते हैं।