'वयनाड में भूकंप जैसी घटना से घबराने की जरूरत नहीं', जियोलॉजी विभाग की रिपोर्ट

वयनाड के विभिन्न इलाकों में महसूस किए गए कंपन और आवाज को लेकर जियोलॉजी विभाग ने बताया है कि घबराने की कोई बात नहीं है। कुओं या नालों का पानी गंदा नहीं हुआ है और न ही पानी का कोई नया स्रोत बना है। विभाग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है।

Sushil Tiwari | Published : Aug 10, 2024 4:39 AM IST

वयनाड: वयनाड के विभिन्न इलाकों में महसूस किए गए कंपन और आवाज को लेकर जियोलॉजी विभाग ने बताया है कि घबराने की कोई बात नहीं है। कुओं या नालों का पानी गंदा नहीं हुआ है और न ही पानी का कोई नया स्रोत बना है। विभाग ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। नेनमेनी, अंबलवयल पंचायतों के विभिन्न भागों और व्यथिरि तालुक के सुगंधगिरी सहित कई जगहों पर कल रात कंपन महसूस किए गए थे।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि वयनाड या आसपास के जिलों में महसूस किए गए कंपन और आवाज भूकंप नहीं थे। उनका मानना ​​है कि भूस्खलन के दौरान विस्थापित हुए चट्टानें और नीचे खिसकने से यह कंपन महसूस हुआ होगा। पानी से भरे चट्टानों का अधिक स्थिर जगह पर स्थानांतरित होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र देश में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी है। एनएससी द्वारा केरल में स्थापित किसी भी केंद्र ने कल भूकंप की सूचना नहीं दी है। एनएससी ने आश्वासन दिया है कि घबराने की कोई बात नहीं है। भूवैज्ञानिकों का मानना ​​है कि अन्य क्षेत्रों में महसूस किए गए कंपन भी चट्टानों के खिसकने के कारण ही हुए होंगे।

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