कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर घमासान जारी है। इसी बीच राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, अगर पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होते, तो कांग्रेस को 50 सालों तक विपक्ष में बैठना होगा।
नई दिल्ली. कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर घमासान जारी है। इसी बीच राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, अगर पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होते, तो कांग्रेस को 50 सालों तक विपक्ष में बैठना होगा। आजाद उन 23 नेताओं में से हैं, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आजाद ने कहा, चुनाव से यह लाभ होता है कि कम से कम पार्टी आपके समर्थन में होती है। अभी अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति के पास 1 % भी समर्थन नहीं होता। अगर CWC सदस्य चुने जाते हैं, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता, इसमें समस्या कहां है।
होना चाहिए चुनाव
उन्होंने कहा, वर्किंग कमेटी, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के चुनाव होने चाहिए। उन्होंने कहा, जो चुनाव से डर रहे हैं, उन्हें हार का डर है।
अंतरिम अध्यक्ष चुनी गईं सोनिया गांधी
23 नेताओं के पत्र के बाद सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने का प्रस्ताव रखा था और नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया तेज करने के लिए कही थी। हालांकि, बाद में उनके अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया। उधर, राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने, नेताओं पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसके बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने नाराजगी जताई थी।