बेंगलुरु में एक निजी स्कूल में टीचर ने क्लास के सभी स्टूडेंट्स को सामूहिक रूप से पनिशमेंट दी। इस दौरान एक छात्रा चक्कर खाकर गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। बच्ची प्राइमरी की स्टूडेंट थी।
बेंगलुरू(Bengaluru). यहां एक निजी स्कूल में टीचर ने क्लास के सभी स्टूडेंट्स को सामूहिक रूप से पनिशमेंट दी। इस दौरान एक छात्रा चक्कर खाकर गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। बच्ची प्राइमरी की स्टूडेंट थी। पुलिस के मुताबिक घटना शुक्रवार दोपहर शहर के गंगाम्मगुडी स्थित स्कूल में हुई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक लड़की दोपहर करीब 1.30 बजे कक्षा में उस समय गिर गई, जब कथित तौर पर शिक्षक छात्रों को सजा दे रहा था। छात्रा को शिक्षकों द्वारा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया।"
बाद में स्कूल प्रशासन ने घटना की जानकारी माता-पिता को दी और शव को बालिका के घर ले गए। पुलिस ने कहा कि लड़की के पिता ने बाद में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर CRPC की धारा 174 (सी) के तहत मामला दर्ज की जांच शुरू कर दी गई है।
सिर्फ पिटाई पर 10 साल की सजा संभावित
स्कूल में बच्चों को सजा देने के अकसर मामले सामने आते रहे हैं। इस तरह के मामलों पर रोक लगाने केंद्र सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 यानि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट लागू किया हुआ है। इसके अलावा भी कई कानून और गाइडलाइन हैं, जो बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
जुवेलाइन जस्टिस एक्ट-2015 में कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 17 के तहत किसी भी तरह के शारीरिक दंड, मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे आरोप सिद्ध होने पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 82 के तहत जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 75 में लिखा गया है कि बच्चे की देखभाल और उनकी सुरक्षा स्कूल की जिम्मेदारी है।
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