
Girl Struggles to Breathe in Train: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यात्रियों से खचाखच भरी एक ट्रेन के डिब्बे में एक बच्ची सांस लेने के लिए जद्दोजहद करती दिख रही है। वहीं, डिब्बे के बाहर आसपास खड़े लोग हेल्प करने के बजाय उसकी परेशानी देखकर हंसते हुए वीडियो बना रहे हैं। इस वीडियो को X यूजर Woke Eminent ने शेयर करते हुए लिखा- "एक लड़की भारी भीड़ के बीच ट्रेन के डिब्बे में फंस गई थी। उसका दम घुट रहा था, सांस फूल रही थी, लेकिन प्लेटफॉर्म पर मौजूद भीड़ हंस रही थी। ऐसे व्यवहार को आप क्या कहेंगे?"
वोक एमिनेंट नाम के X हैंडल से शेयर किए गए इस वीडियो को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्रालय और रेलवे सेवा को भी टैग किया गया है। साथ ही लिखा- त्योहारों के मौसम में भीड़ को मैनेज करने की जरूरत है। यूजर ने हाई ट्रैफिक वाले स्टेशनों पर भीड़भाड़ को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीएफ सुरक्षा बलों को तैनात करने जैसे उपाय सुझाए हैं। बता दें कि गर्मी और दम घुटने से परेशान लड़की खुद ही अपने चेहरे पर पानी के छींटे मारती है। लेकिन कोई उसकी मदद नहीं करता। हालांकि, अभी ये जानकारी नहीं है कि ये वीडियो किस स्टेशन का है।
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यूजर ने त्योहारों के दौरान बार-बार होने वाली अव्यवस्था और प्रभावी क्राउड मैनेजमेंट की कमी को उजागर करते हुए कहा- हर त्योहार पर रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ पड़ती है और बिना टिकट लोग ट्रेनों में चढ़ जाते हैं। कम से कम त्योहारों के सीजन में, खासकर उन जाने-माने स्टेशनों पर, जहां भारी भीड़ ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश करती है, हम रेलवे स्टेशनों पर एक्सेस कंट्रोल क्यों नहीं कर सकते?"
रेलवे सेवा अकाउंट ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए चिंता जाहिर की और घटना की जांच के लिए और अधिक डिटेल मांगी है। रेलवे सेवा ने कहा- प्लीज! घटनास्थल, घटना की तारीख और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी साझा करें, ताकि हम इसकी जांच कर सकें। आप अपनी समस्या सीधे https://railmadad.indianrailways.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं ताकि तुरंत समाधान हो सके।"
वीडियो देख सोशल मीडिया यूजर्स ने उन लोगों की तीखी आलोचना की जो दम घुटने से परेशान लड़की को देखकर उसकी मदद के बजाय वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। एक यूज़र ने लिखा, "मुझे लगता है कि सिविक सेंस की कमी हमारे विकसित देश बनने में सबसे बड़ी बाधा है।" एक अन्य ने कहा, "यह समाज बहुत घटिया है!सरकार इसमें क्या कर सकती है? माता-पिता, उनकी परवरिश ही इसके लिए जिम्मेदार है! एक और शख्स ने टिप्पणी करते हुए लिखा- भारत पीछे जा रहा है...।
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