कोरोना में माता-पिता या अभिभावक खो चुके बच्चों को मदद के अलावा केंद्र सरकार ने उन परिवारों का भी सहारा बनने का फैसला किया है, जिन्होंने अपने कमाने वाले सदस्य को महामारी में खोया है। सरकार ने कोरोना में कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों को पेंशन और बीमा मुआवजा देने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली. कोरोना में माता-पिता या अभिभावक खो चुके बच्चों को मदद के अलावा केंद्र सरकार ने उन परिवारों का भी सहारा बनने का फैसला किया है, जिन्होंने अपने कमाने वाले सदस्य को महामारी में खोया है। सरकार ने कोरोना में कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों को पेंशन और बीमा मुआवजा देने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे परिवारों के साथ एकजुटता में खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा, इस योजना से परिवारों को आ रहीं आर्थिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
ईएसआईसी के तहत मिलेगी पेंशन
- परिवार को सम्मान का जीवन जीने और जीवन स्तर को अच्छा बनाए रखने में मदद करने के लिए, ईएसआईसी पेंशन योजना का लाभ कमाई करने वाले सदस्य की मृत्यु के मामलों में उनके परिवारों तक पहुंचाया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के आश्रित परिवार के सदस्य मौजूदा मानदंडों के मुताबिक, कर्मचारी की औसत दैनिक वेतन के 90% के बराबर पेंशन के लाभ के हकदार होंगे। यह लाभ 24 मार्च 2020 से 23 मार्च 2022 तक कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मिलेगा।
EDLI बीमा योजना का भी मिलेगा लाभ
- ईडीएलआई योजना के तहत बीमा लाभों को बढ़ाया और उदार बनाया गया है। इसमें अन्य लाभार्थियों के अलावा कोरोना से जान गंवाने वाले मृतकों के परिवारों को भी लाभ दिया जाएगा।
- इसके तहत मिलने वाली बीमा की राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रु कर दिया गया है।
- 2.5 लाख के न्यूनतम बीमा लाभ का प्रावधान बहाल कर दिया गया है और अगले तीन वर्षों के लिए 15 फरवरी 2020 से लागू होगा।
- संविदा/अनौपचारिक मजदूरों के परिवारों को लाभान्वित करने के लिए, केवल एक कंपनी में निरंतर रोजगार की शर्त को उदार बनाया गया है, यहां तक कि उन कर्मचारियों के परिवारों को भी लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है जिन्होंने अपनी मृत्यु से पहले पिछले 12 महीनों में नौकरी बदली हो।