आर्मी में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के लिए सरकार को 1 महीने का वक्त, सरकार ने मांगा था 6 महीने

सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन और कमांडिंग पद देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  सरकार को 1 महीने का अतिरिक्त समय दिया है। सरकार ने कोरोना के चलते फरवरी में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए समय देने की मांग की थी। सरकार ने बताया था कि आदेश तैयार किया जा रहा है।  

Asianet News Hindi | Published : Jul 7, 2020 8:49 AM IST

नई दिल्ली. सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन और कमांडिंग पद देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  सरकार को 1 महीने का अतिरिक्त समय दिया है। सरकार ने कोरोना के चलते फरवरी में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए समय देने की मांग की थी। सरकार ने बताया था कि आदेश तैयार किया जा रहा है। जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय के जरिए कोर्ट में कहा कि फैसला लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सिर्फ औपचारिक आदेश जारी करना बाकी है।

फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला
17 साल की कानून लड़ाई के बाद फरवरी में थलसेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने का रास्ता साफ हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर आर्मी में स्थाई कमीशन दिया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट के क्या फैसला दिया था?
1 - सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्र को महिलाओं को सेना में स्थाई कमीशन देना चाहिए था। केंद्र ने ऐसा न करके पूर्वाग्रह दिखाया है।
2 -कोर्ट ने कहा, केंद्र की दलील परेशान करने वाली है। केंद्र के मुताबिक शारीरिज सीमाओं और सामाजिक मानदंडो के चलते महिला अफसरों को स्थाई कमीशन नहीं मिलना चाहिए।
3 - कोर्ट के मुताबिक, मानसिकता बदलने की जरूरत है। 70 साल बाद भी सरकार को सशस्त्र बलों में लैंगिक आधार पर भेदभाव खत्म करना होगा।
4 - कोर्ट ने कहा कि महिलाओं की क्षमताओं पर संदेह पैदा करना न सिर्फ महिलाओं का बल्कि सेना का भी अपमान है।
5 - कोर्ट में फैसले में कहा गया, महिलाओं को 10 विभागों में स्थाई कमीशन मिलेगा। इस फैसले से 14 साल से ऊपर सेवा दे चुकी महिलाओं को लाभ मिलेगा।
6 - कोर्ट ने कहा,स्थायी कमीशन पाने वाली महिलाओं को सिर्फ प्रशासनिक पद देने की नीति गलत है। काबिलियत के हिसाब से कमांड पद मिलेना चाहिए।
7 - यह आदेश कॉम्बेट (सीधे युद्ध) को छोड़कर 10 विभागों में लागू होगा। 3 महीने के अंदर आदेश को लागू करना होगा।

शॉर्ट सर्विस और परमानेंट कमीशन में क्या अंतर है?
-शॉर्ट सर्विस कमीशन में 10 साल तक सेना में रह सकते हैं। इसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है। केवल पुरुषों के लिए स्थाई कमीशन में जाने का विकल्प भी दिया जाता है। वहीं परमानेंट कमीशन में अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में रह सकता है।
-शॉर्ट सर्विस कमीशन में सीडीएस और ओटीए की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर एंट्री शारीरिक मापदंड़ों को पास करना होता है। स्थाई कमीशन के लिए कॉमन डिफेंस सर्विस का एग्जाम पास करना होता है। यह सिर्फ पुरुषों को लिए होता है।

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