राजौरी टारगेट किलिंग के बाद केंद्र सरकार का दूसरा बड़ा एक्शन, TRF के बाद PAFF भी आतंकवादी लिस्ट में शामिल

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 1 और 2 जनवरी को दोहरे आतंकी हमले में दो बच्चों सहित छह हिंदुओं की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने एक और आतंकवादी संगठन PAFF पर बैन लगा दिया है। इससे पहले TRF को आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है।

जम्मू(Jammu).जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 1 और 2 जनवरी को दोहरे आतंकी हमले में दो बच्चों सहित छह हिंदुओं की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने एक और आतंकवादी संगठन PAFF पर बैन लगा दिया है। इससे पहले TRF को आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है। सरकार ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन में कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन एंटी फासिस्ट फ्रंट(PAFF) पर प्रतिबंध लगाया जाता है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन(proxy) पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट(PAFF) पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज अहमद मीर को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक आतंकवादी घोषित कर दिया है। (राजौरी टारगेट किलिंग के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी हैं)

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एक नोटिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि पीएएफएफ सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे नागरिकों को नियमित रूप से धमकियां जारी कर रहा है। पीएएफएफ अन्य संगठनों के साथ जम्मू-कश्मीर और भारत के प्रमुख शहरों में हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फिजिकली और सोशल मीडिया दोनों में सक्रिय रूप से साजिश रचने में शामिल है।

अन्य संगठनों के साथ-साथ पीएएफएफ बंदूक, गोला-बारूद और विस्फोटकों को संभालने में भर्ती और प्रशिक्षण के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथ में झोंक रहा है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है और इसमें भाग लिया है।

नोटिफिकेशन केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि इसलिए, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) के खंड (ए) द्वारा मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने पीएएफएफ को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है।


एक अलग नोटिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने अरबाज़ अहमद मीर को आतंकवादी घोषित किया है, जो जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है, लेकिन वर्तमान में पाकिस्तान में है। यह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा है।

मीर टारगेट किलिंग में शामिल रहा है और कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक टीचर रजनी की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता बनकर उभरा है।

मंत्रालय ने कहा कि मीर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में शामिल रहा है और सीमा पार से अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का परिवहन करके आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है।

बता दें कि 31 मई, 2022 को कुलगाम जिले के गोपालपोरा इलाके में आतंकवादियों ने एक प्रवासी कश्मीरी पंडित महिला टीचर रजनी बाला(Migrant Kashmiri Pandit teacher Rajni Bala shot dead) के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। रजनी बाला (36) जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं। वे कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं। मई में एक गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारी की यह दूसरी हत्या थी, जबकि इसी माह कश्मीर में सातवीं टारगेट किलिंग। 

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