वैक्सीन बनाने वालों का विबंलडन में अनोखे अंदाज में सम्मान, BJP एमपी ने वीडियो शेयर कर विपक्ष को लताड़ा

सेंटर कोर्ट में सम्मानित होने वालों में ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन बनाने वाले ब्रिटिश वैज्ञानिकों में से एक सारा गिल्बर्ट और कैप्टन सर टॉम मूर थे। इनके कोविड -19 क्राउड फंडिंग वॉक ने एनएचएस के लिए 33 मिलियन पाउंड जुटाए।

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2021 9:17 AM IST / Updated: Jun 29 2021, 03:03 PM IST

लंदन। कोविड-19 को खत्म करने के लिए प्रयासरत वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सदस्यों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ब्रिटेन ने अनोखे ढंग से सम्मान दिया है। ब्रिटेन के लोगों ने विंबलडन के सेंटर कोर्ट में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन विकसित करने वालों को स्टैंडिंग ओवेशन देकर आभार जताया।

वैक्सीन बनाने के लिए क्राउड फंडिंग और चैरिटी से जुटाए धन

सेंटर कोर्ट में सम्मानित होने वालों में ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन बनाने वाले ब्रिटिश वैज्ञानिकों में से एक सारा गिल्बर्ट और कैप्टन सर टॉम मूर थे। इनके कोविड -19 क्राउड फंडिंग वॉक ने एनएचएस के लिए 33 मिलियन पाउंड जुटाए। कैप्टन सर टॉम मूर की फरवरी में कोरोना वायरस से मौत हो गई थी।

विंबलडन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक बयान के साथ वीडियो जारी किया। वीडियो में कहा गया कि सम्मान उन लोगों को धन्यवाद देने का एक विशेष क्षण था जिन्होंने यूनाइटेड किंगडम के कोरोनावायरस प्रतिक्रिया में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

स्टैंडिंग ओवेशन ने डेम सारा गिल्बर्ट को अभिभूत कर दिया। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी के प्रोफेसर को यूनाइटेड किंगडम में एक नायक के रूप में माना जाता है। गिल्बर्ट ने सर एंड्रयू पोलार्ड और क्लिनिकल बायोमैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी प्रोफेसर कैथ ग्रीन के साथ वैक्सीन डिजाइन किया। इसमें अनाउंसर ने नर्सिंग स्टाफ, क्रिटिकल केयर और सामुदायिक कार्यकर्ताओं में शामिल व्यक्तियों की भी सराहना की और कहा कि उन्हें अगले पखवाड़े के लिए सेंटर कोर्ट में विशेष रॉयल बॉक्स में आमंत्रित किया गया था।

 

बीजेपी सांसद ने भारत में विपक्ष को लिया आड़े हाथों

विंबलडन सम्मान समारोह का वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर ने विपक्षी दलों को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि विदेशों में जहां ऐसे योद्धाओं को सम्मान दिया जा रहा है तो हमारे यहां शर्मनाक विरासत को ढोने वाले राहुल गांधी और अखिलेश जैसे लोग हैं। ये सम्मान देने की बजाय ऐसे योद्धाओं का मजाक बनाने में लगे हुए हैं।

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