Gujarat Bridge Collapse: मन्नत पूरी होने पर भगवान को धन्यवाद देने निकले थे लेकिन लौटे नहीं, मां के सामने डूब गए पति और दो मासूम

Published : Jul 10, 2025, 04:54 PM IST
Gujarat Bridge collapse

सार

Gujarat Bridge collapse: गुजरात के महिसागर नदी पर स्थित 40 साल पुराने गम्भीरा पुल (Gambhira Bridge) के टूटने से 17 लोगों की मौत हो गई। वडोदरा से भक्ति यात्रा पर निकले परिवार की कार नदी में समा गई। सिर्फ मां बच पाई, बच्चों और पति की दर्दनाक मौत। 

Gujarat Bridge Collapse: चार साल की वेदिका और उसका एक साल का भाई नैतिक… दोनों ने जीवन में अभी ठीक से चलना भी नहीं सीखा था। भगवान की मन्नत पूरी होने के बाद जब उनके माता-पिता उन्हें लेकर मंदिर जा रहे थे, तब किस्मत ने ऐसा क्रूर मोड़ लिया कि ये यात्रा कभी पूरी नहीं हो सकी। गुजरात के गंभीरा पुल हादसा में दोनों मासूमों के साथ उसके पिता भी डूब गए और वहां एक बेबस मां मदद के लिए चीखती और चिल्लाती रही लेकिन कोई नहीं आया।

दरअसल, गुजरात के वडोदरा जिले से करीब 280 किमी दूर भावनगर के बागदाना बाबा सीतराम मंदिर (Bagdana Bapa Sitaram Temple) में परिवार दर्शन के लिए निकला था। लेकिन महिसागर नदी (Mahisagar River) पर बना गम्भीरा पुल (Gambhira Bridge) टूट गया और उनका वाहन नदी में समा गया।

चीखती रही मां लेकिन मदद नहीं आई

इस हादसे में परिवार की केवल एक व्यक्ति बची सोनील पाधियार (Sonal Padhiyar)। उनकी आंखों के सामने उनका पति रमेश पाधियार और दोनों मासूम बच्चे नदी में डूब गए। सोनल किसी तरह वैन का दरवाज़ा खोलकर ऊपर आईं और मदद के लिए चीखती रहीं। एक वीडियो में देखा गया कि वह पानी में कमर तक भीगी हुई मदद की गुहार लगाती हैं लेकिन वह चीखते-चिल्लाते थक गई परंतु कोई मदद को नहीं आया।

मन्नत पूरी हुई थी इसलिए मंदिर जा रहे थे

गांववालों की मानें तो रमेश और सोनल की पहले चार बेटियां थीं। उन्होंने पुत्र की प्राप्ति के लिए बागदाना मंदिर में मन्नत मांगी थी। बेटे नैतिक के जन्म के बाद वे पूरे परिवार के साथ भगवान को धन्यवाद देने जा रहे थे।

40 साल पुराना पुल बना मौत का रास्ता, काश प्रशासन ने विधायक की सुनी होती

1985 में बना गम्भीरा पुल जर्जर हालत में था। स्थानीय विधायक चैतन्यसिंह जाला (BJP MLA Chaitanyasinh Zala) ने इसकी जगह नया पुल बनाने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने सर्वे कर निर्माण की योजना बनाई लेकिन पुराने पुल को तब तक मरम्मत कर चालू रखा गया।

राजनीतिक बहस भी तेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को गंभीर और दुखद बताया। गुजरात को बीजेपी नेता एक मॉडल के रूप में पेश कर पूरे देश में वोट मांगते हैं। लेकिन लगातार हो रहे ऐसे हादसे, बीजेपी के गुजरात मॉडल पर सवालिया निशान छोड़ते हैं। कांग्रेस ने इस हादसा को गुजरात मॉडल की भ्रष्ट व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही बताया है। विपक्ष का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई होती तो ये मौतें टाली जा सकती थीं।

अब तक 17 की मौत, कई लापता

गम्भीरा ब्रिज हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता हैं। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।

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