जम्मू और कश्मीर में एक हैकर ग्रुप ने एयरटेल नेटवर्क (Airtel Network) में सेंधमारी कर एक आर्मी जवान के डेटा को लीक कर दिया है।
नेशनल डेस्क। जम्मू और कश्मीर में एक हैकर ग्रुप ने एयरटेल नेटवर्क (Airtel Network) में सेंधमारी कर एक आर्मी जवान के डेटा को लीक कर दिया है। हालांकि, एयरटेल ने अपने सिस्टम में किसी भी तरह की सेंधमारी से इनकार किया है। जानकारी के मुताबिक, हैकर ग्रुप Red Rabbit Team ने एक कुछ भारतीय वेबसाइट्स को हैक किया और उसके बाद लीक डेटा को पोर्टल्स पर डाल दिया। हैकर्स ने एक साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहरिया के ट्वीट के जवाब में कमेंट भी किया है। राजशेखर राजहरिया के मुताबिक, इसमें पाकिस्तानी हैकर ग्रुप का हाथ हो सकता है। हैकर्स का दावा है कि उनके पास भारती एयरटेल के देश भर के सभी सब्सक्राइबर्स का डेटा है।
कंपनी ने किया इनकार
भारती एयरटेल के स्पोक्सपर्सन ने अपने सर्वर में किसी प्रकार की सेंधमारी से इनकार किया है। प्रवक्ता का कहना कि वे साबित कर सकते हैं कि एयरटेल के सिस्टम में कोई सेंधमारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि एयरटेल से बाहर के कई स्टेकहोल्डर्स को रेग्युलेटरी रिक्वायरमेंट्स के मुताबिक कुछ डेटा तक एक्सेस है। हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि सभी अथॉरिटीज को इस मामले की जानकारी दे दी गई है। वहीं, सेना के एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें इस तरह की किसी घटना के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन यह कुछ देश विरोधी तत्वों की दुर्भावनापूर्ण हरकत हो सकती है।
हैकर ने और डेटा लीक करने की दी धमकी
भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने बताया कि हैकर ग्रुप पिछले 15 महीने से ज्यादा समय से कंपनी की सिक्योरिटी टीम के संपर्क में है और उसने कई दावे किए हैं। इनमें से एक स्पेसिफिक रीजन के गलत डेटा उसने पोस्ट भी कर दिए हैं। हैकर्स ने लिंक शेयर किए, वे कुछ समय के बाद वर्किंग नहीं रहे। इसमें सब्सक्राइबर्स के नाम, मोबाइल नंबर और ऐड्रेस दिख रहे थे। रेड रैबिट टीम ने दावा किया है कि उसके पास कंपनी के सर्वर पर अपलोडेड एक शेल के जरिए देश भर के भारती एयरटेल के सब्सक्राइबर्स के डेटा हैं। हैकर ग्रुप ने कहा है कि जल्द ही वे और भी डेटा लीक करेंगे।
पाकिस्तानी हैकर ग्रुप का हाथ होने का संदेह
टेलिकॉम ऑपरेटर्स को सरकार और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को सब्सक्राइबर डेटा रजिस्ट्रेशन का एक्सेस देना होता है, जिसके जरिए फोन नंबर और सब्सक्राइबर्स डिटेल्स को वेरिफाई किया जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि हैकर्स पाकिस्तान के हो सकते हैं। उन्होंने जिस वेबसाइट पर हैक किया गया डेटा अपलोड किया है, उसे 4 दिसंबर, 2020 को एक पाकिस्तानी हैकर ग्रुप ने हैक कर लिया था।