Hathras stampede updates: 122 मौतों का जिम्मेदार बाबा फरार...यूपी पुलिस ने मैनपुरी आश्रम की ली तलाशी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सूबे के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिले के सारे मोर्चरी लाशों से ओवरफ्लो कर रही हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 2, 2024 7:39 PM IST / Updated: Jul 03 2024, 03:06 PM IST

Hathras stampede updates: यूपी के हाथरस में एक सत्संग के बाद हुए भगदड़ में कम से कम 122 लोगों कुचल कर मारे गए हैं। मंगलवार को हुए इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सौ से अधिक मौतों के जिम्मेदार बाबा नारायण साकार की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। मंगलवार की देर रात में पुलिस ने मैनपुरी स्थित उसके आश्रम सहित कई जगहों की तलाशी ली। हालांकि, वह अंडरग्राउंड हो गया है। मैनपुरी आश्रम के अंदर-बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। उधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सूबे के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिले के सारे मोर्चरी लाशों से ओवरफ्लो कर रही हैं। शव रखने के लिए यहां जगह नहीं है। रिक्शा, टेंपो में भरकर बोरे की तरह लाशों को लाने वाली तस्वीरें हादसा की भयावहता को दिखा रही हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ आदि ने हादसा के प्रति शोक संवेदना जताई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसा की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। उन्होंने मृतकों के परिजन को आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

पोस्टमार्टम के लिए अलग-अलग जगहों पर शव भेज जा रहे

अलीगढ़ रेंज के महानिरीक्षक शलभ माथुर ने बताया कि हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत फुलराई गांव में भगदड़ मच गई। यह एक निजी कार्यक्रम था और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने इसकी अनुमति दी थी। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की थी, लेकिन अन्य व्यवस्थाएं आयोजकों को करनी थीं। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए अलग-अलग जगहों पर भेजा गया है। घायलों को बेहतर इलाज पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज किया जा रहा है और कार्यक्रम के लिए अनुमति लेने वाले लोगों के नाम जोड़े जाएंगे। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अनुमति से ज़्यादा लोग थे।

बाबा के जाने के बाद मची भगदड़

'सत्संग' में शामिल होने वाली एक महिला ने कहा कि यह स्थानीय गुरु भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकर हरि के सम्मान में आयोजित किया गया था और भीड़ के जाने के साथ ही भगदड़ मच गई। भक्तों को तब तक जाने से रोका गया जब तक कि स्वयंभू गुरु की कार नहीं चली गई, जिससे एक छोटे से क्षेत्र में बड़ी भीड़ जमा हो गई। आगे निकलने की होड़ में एक दूसरे को लोग कुचलते गए, लोग गिरते गए और उनके ऊपर से सैकड़ों पांव गुजरते गए। देखते ही देखते पूरा आसपास का एरिया लाशों से बिछ गया।

कौन है नारायण साकार?

स्वयंभू गुरु भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि, मूलरूप से एटा के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है। पिता उसके किसान थे। युवावस्था में पुलिस में भर्ती हुआ। खुद को आईबी के सिपाही के रूप में वीआरएस लेने वाला गुरु भोले बाबा, हमेशा ही सफेद सूट या कुर्ता-पजामा और सफेद बूट में दिखता। वह अन्य बाबाओं की तरह नहीं बल्कि पूरे स्टाइलिश ढंग से रहता। उसके सेवादार किसी प्राइवेट सिक्योरिटी से कम नहीं थे। सेवादार, हमेशा ब्लैक कलर की पोशाक पहनते और गन लिए रहते। भोले बाबा के सत्संग में हजारों लोग पहुंचते, उसमें तमाम वीवीआईपी और नेता शामिल थे।

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