देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति और वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय मीटिंग की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना अहम है। इसी के साथ उन्होंने हाई पॉजिटिवटी रेट वाले इलाकों में टेस्टिंग को और बढ़ाने की जरूरत है।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति और वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय मीटिंग की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना अहम है। इसी के साथ उन्होंने हाई पॉजिटिवटी रेट वाले इलाकों में टेस्टिंग को और बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा पीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संसाधनों को बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने इन इलाकों में घर-घर जाकर टेस्टिंग और सर्वेलांस पर भी जोर देने के लिए कहा।
इस बैठक में पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन और कोरोना की स्थिति को लेकर चर्चा की। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि देश में टेस्टिंग काफी तेजी से बढ़ी है। पहले हर हफ्ते में 50 लाख टेस्टिंग हो रही थी। अब यह 1.3 करोड़ तक हो रही है। इतना ही नहीं अधिकारियों ने पीएम को पॉजिटिवटी रेट घटने और ठीक होने वालों की दर बढ़ने की भी जानकारी दी। यह भी बताया गया कि हर रोज जो 4 लाख केस आ रहे थे, अब केंद्र, राज्य सरकार और हेल्थ वर्कर्स के प्रयासों से कम होने लगे हैं। इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के अलावा कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अन्य विभागों के सचिव भी शामिल हुए। पीएम कोविड-19 को लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने ऑक्सीजन और दवाइयों की स्थिति को लेकर समीक्षा की थी।
जानिए बैठक में क्या कहा पीएम मोदी ने
अधिकारियों ने पीएम को बताया कि देश में कोविड टेस्टिंग तेजी से बढ़ी है। मार्च के शुरुआत में हर हफ्ते करीब 50 लाख टेस्ट हो रहे थे। अब यह 1.3 करोड़ तक पहुंच गए हैं। मीटिंग में पीएम को बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के प्रयासों से रोज केस कम हो रहे हैं। पहले यह 4 लाख तक पहुंच गए थे। बैठक में अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों में जिलास्तर पर कोरोना की मौजूदा स्थिति, टेस्टिंग, ऑक्सीजन की उपलब्धता, वैक्सीनेशन और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे(healthcare infrastructure) के बारे में भी पीएम को बताया। पीएम ने जिन राज्यों में पॉजिटिव रेट अधिक हैं, वहां कंटेनमेंट की रणनीति पर जोर दिया।
पीएम ने आरटीपीसीआर और रैपिड दोनों टेस्ट बढ़ाने के भी निर्देश दिए। मोदी ने कहा कि राज्यों को बिना किसी दबाव के पारदर्शी तरीके से अपने यहां के केस सामने लाने चाहिए। प्रधानमंत्री ने घर-घर जाकर जांच और निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संसाधनों को बढ़ाने पर जो दिया। उन्होंने इसके लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी आवश्यक उपकरणों के साथ सशक्त बनाने की बात भी कही। पीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन और इलाज के लिए सरल भाषा में दिशा-निर्देश जारी करने को कहा।
ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर बात
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक वितरण योजना तैयार की जाना चाहिए, जिसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भी शामिल हों। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। वहीं, बिजली की आपूर्ति भी सुचारू रहे, इस पर भी ध्यान दें। प्रधान मंत्री ने कुछ राज्यों में भंडार में पड़े अनुपयोगी वेंटिलेटर की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया। पीएम ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए वेंटिलेटर उपयोग में आए, इसके लिए तत्काल ऑडिट होना चाहिए। पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर जरूरी हो, तो स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर चलाने का दुबारा प्रशिक्षण दिया जाए।
वैक्सीन पर चर्चा
अधिकारियों ने पीएम को टीकाकरण प्रक्रिया और 45+ आबादी के राज्यवार कवरेज के बारे में जानकारी दी। भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता के रोडमैप पर भी चर्चा की गई। उन्होंने अधिकारियों को टीकाकरण की गति तेज करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।
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