पुलिस तय करे कि किसान ट्रैक्टर मार्च निकालें या नहीं, SC ने कहा- कमेटी के सदस्यों को बदनाम न करें

ट्रैक्टर मार्च पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह से दखल देने से मना कर दिया। चीफ जस्टिस ने पिछली सुनवाई में कही बात को दोहराया। कोर्ट ने कहा कि ये मामला पुलिस के हाथ में है। पुलिस ही इसपर इजाजत दे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अंदर किसे घुसने देना है या किसे नहीं, इसका फैसला दिल्ली पुलिस को करना है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2021 7:45 AM IST / Updated: Jan 20 2021, 02:02 PM IST

नई दिल्ली. किसानों और सरकार के बीच विवाद सुलझाने के लिए बनी कमेटी पर दिए जा रहे बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। सीजेआई ने कहा कि कमेटी को सिर्फ इतनी शक्ति दी गई है कि वह किसानों और सरकार से बात करके रिपोर्ट हमें दे। उनके पास किसी भी चीज को स्थगित करने की शक्ति नहीं है। इसमें पक्षपात की क्या बात है। अगर आप कमेटी से नहीं बात करना चाहते हैं, उनसे नहीं मिलना चाहते हैं तो न मिलें, लेकिन किसी को इस तरह से बदनाम मत करें। सुप्रीम कोर्ट ने जब कमेटी का गठन किया था, तब किसानों ने कमेटी में शामिल सदस्यों पर कृषि कानूनों के समर्थक होने का आरोप लगाया था। 

"कमेटी के लोगों के पास विशेषज्ञ हैं, आलोचक नहीं"

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर सुनवाई स्थगित की। कोर्ट ने 4 सदस्यीय कमेटी के पुनर्गठन करने की मांग को लेकर किसानों और केंद्र को नोटिस जारी किया है। सीजेआई ने कहा, मैं कमेटी की आलोचना से दुखी हूं। आपकी मांग कमेटी को बदलने की है। लेकिन बदलने का आधार क्या है? कमेटी में शामिल लोग आज कृषि के महारथी हैं। वे विशेषज्ञ हैं लेकिन उनके आलोचक नहीं। आप उन्हें बदनाम कर रहे हैं।

किसानों का 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकलेगा या नहीं?

ट्रैक्टर मार्च पर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह से दखल देने से मना कर दिया। चीफ जस्टिस ने पिछली सुनवाई में कही बात को दोहराया। कोर्ट ने कहा कि ये मामला पुलिस के हाथ में है। पुलिस ही इसपर इजाजत दे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अंदर किसे घुसने देना है या किसे नहीं, इसका फैसला दिल्ली पुलिस को करना है।

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