जाटलैंड में कमजोर हुई बीजेपी, हरियाणा-महाराष्ट्र के कई दिग्गज मंत्रियों को झेलनी पड़ी हार

महाराष्ट्र और हरियाणा में मतगणना जारी है। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन शानदार जीत की ओर बढ़ता नजर आ रहा है, लेकिन वोटों की गिनती बढ़ने के साथ ही हरियाणा की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। हरियाणा में कई बीजेपी के दिग्गज पीछे चल रहे हैं। 

मुंबई/चंडीगढ़. महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के कई दिग्गजों को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा में लड़ाई दिलचस्प हुई। 

महाराष्ट्र में हारने वाले मंत्री 

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देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट के मंत्रियों में शामिल परली से पंकजा मुंडे (बीजेपी) धनंजय मुंडे (एनसीपी), कर्जत जमात में राम शिंदे (बीजेपी) रोहित पवार (एनसीपी) से, मावल से बाला उर्फ संजय विश्वनाथ भिड़े (बीजेपी) एनसीपी उम्मीदवार से, पुरंदर में  विजय शिवतारे (शिवसेना) कांग्रेस के संजय जगताप के हाथों हार गए। 

हरियाणा में हारने वाले बीजेपी के दिग्गज और मंत्री 

नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु जेजेपी उम्मीदवार राजकुमार गौतम से, सोनीपत में कांग्रेस के सुरेंद्र पवार के हाथों कविता जैन, टोहाना में जेजेपी के देवेन्द्र बबली के हाथों बीजेपी प्रदेश सुभाष बराला, रोहतक में भारत बत्रा के हाथों मनीष ग्रोवर, इसराना में कांग्रेस के बलबीर सिंह के हाथों कृष्ण लाल पंवार, बादली में कांग्रेस के कुलदीप वत्स के हाथों ओपी धनखड़, चुनाव हार गए हैं। 

महाराष्ट्र में 2.03% कम मतदान हुआ
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार को 61.27% मतदान हुआ। पिछले बार 2014 में 63.3% मदतान हुआ था। चुनाव में कुल 3237 उम्मीदवार हैं। महाराष्ट्र में एक तरफ भाजपा-शिवसेना गठबंधन है तो दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी है। खास बात यह है कि पहली बार ठाकरे परिवार से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, इनमें से 916 यानी 29% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 600 पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।

महाराष्ट्र के 2014 के परिणाम
महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस के चेहरे पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया। 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग अलग चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन की सरकार बनाई। पिछले चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा था। साल 2014 में भाजपा को 122 (28.1%), शिवसेना 63 (19.5%), कांग्रेस 42 (18.1%), एनसीपी 41 (17.4),आईएनडी 7 (4.8%) और अन्य को 13 (12.1) सीट मिले 

हरियाणा में 8.13% कम वोटिंग हुआ
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर सोमवार को 68.47% मतदान हुआ। 2014 में 76.6% मतदान हुआ था। मतदान के लिए 19578 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। 90 में से 73 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि अन्य 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। हरियाणा में लगभग 1 करोड़ 83 लाख मतदाताओं ने अपने अधिकार का उपयोग किया। 1169 उम्मीदवारों की विधानसभा चुनाव 2019 में किस्मत आजमाई थी। 9% महिला उम्मीदवार हैं। 2014 में भी 9% महिला उम्मीदवार थीं। हरियाणा में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। जबकि इनेलो और जेजेपी भी चुनावी मैदान में है।

हरियाणा में 2014 के परिणाम
2014 में हरियाणा में भाजपा को 47 (33.3%), आईएनएलडी (इंडियन नेशनल लोकदल) को 19 (24.2%), कांग्रेस 15 (20.7%), एचजेसीबीएल (हरियाणा जनहित कांग्रेस) को 2 (3.6%), आईएनडी को 5 (10.6%) और अन्य को 2 (7.6%) वोट मिले थे।

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