'10 हजार नहीं, 1 लाख भी दूं तो मुस्लिम मुझे वोट नहीं देंगे', असम CM ने क्यों कहा ऐसा...

Published : Dec 12, 2025, 02:57 PM IST
असम CM

सार

असम CM हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, राज्य में वोट विचारधारा से तय होते हैं, योजनाओं या पैसों से नहीं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोटर पैसे देने के बावजूद उन्हें वोट नहीं देंगे और राज्य में बढ़ती मुस्लिम आबादी पर चिंता जताई।

नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य में वोटिंग का तरीका सरकारी योजनाओं या पैसों से नहीं, बल्कि विचारधारा से तय होता है। उन्होंने कहा कि चाहे 10,000 रुपये हों या एक लाख, कितना भी पैसा दे दूं, कोई मुस्लिम वोटर उन्हें कभी वोट नहीं देगा। बीजेपी सीएम का यह जवाब तब आया, जब उनसे पूछा गया कि क्या 2026 के असम विधानसभा चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'महिला रोजगार योजना' जैसी कोई योजना है, जिसमें 21 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये दिए जा रहे हैं। वह 'एजेंडा आज तक 2025' कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।

हिमंत बिस्वा ने कहा- मैं एक लाख दे दूं, तो भी ये लोग मुझे वोट नहीं देंगे

उन्होंने कहा, "अगर मैं एक लाख रुपये भी दे दूं, तो भी समाज का एक बड़ा वर्ग मुझे वोट नहीं देगा। एक बार मुस्लिम समुदाय के एक वोटर ने मेरे काम की तारीफ की और यहां तक कहा कि जरूरत पड़ने पर वह अपनी किडनी भी दान करने को तैयार है। लेकिन वह मुझे कभी वोट नहीं देगा। वोट सिर्फ योजनाओं या सरकारी मदद से तय नहीं होते, बल्कि विचारधारा से तय होते हैं। लोग फायदों के लिए नहीं, बल्कि विचारधारा के लिए वोट करते हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं किसी को दोष नहीं दे रहा हूं। यह सोचना बहुत आसान है कि योजनाएं देने से अपने आप वोट मिल जाएंगे। सरकार में रहते हुए जनता के लिए योजनाएं लागू करना जरूरी है, लेकिन यह मानना कि सिर्फ इसी से वोट मिलेंगे, एक गलत अनुमान है।" उन्होंने दावा किया कि अगर असम में मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से ज़्यादा हो गई, तो दूसरे समुदाय खत्म हो जाएंगे। 

दशकों से हो रहे अनियंत्रित पलायन के कारण मूल असमिया लोगों का अस्तित्व संकट में है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1961 से लगातार 4-5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ, असम में मुस्लिम आबादी 2021 में लगभग 38 प्रतिशत होने का अनुमान है। 2027 तक यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से ज़्यादा हो गई, तो दूसरे समुदाय नहीं बच पाएंगे, सिर्फ वे ही रह जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में मिया मुस्लिमों और महिलाओं के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। मुस्लिम वोटर भले ही कांग्रेस को सपोर्ट करें, लेकिन उनकी सरकार ही जीतेगी।

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