पूरे देश के लिए सोचती थीं हीराबा तभी तो पाई-पाई जोड़कर PM केयर फंड में दान की थी इतनी बड़ी रकम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का शुक्रवार 30 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। वे 100 साल की थीं। बता दें कि उन्हें मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ के बाद अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने तड़के साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली।

PM Modi Mother Hiraben Passes Away: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का शुक्रवार 30 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। वे 100 साल की थीं। बता दें कि उन्हें मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ के बाद अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने तड़के साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। बता दें कि हीराबा को उनके त्याग के साथ ही सामाजिक कार्यों के लिए भी जाना जाता था। इस बात का जिक्र खुद PM मोदी ने मां के लिए लिखे अपने ब्लॉग में किया है। 

कोरोना वायरस के संक्रमण की पहली लहर के दौरान जब आम जनता से लेकर, अभिनेता, नेता, खिलाड़ी और उद्योगपति खुलकर आर्थिक मदद के लिए आगे आ रहे थे, तब इस अभियान से पीएम मोदी की मां हीराबा भी जुड़ गई थीं। हीराबा ने अपनी निजी बचत से उस समय 25 हजार रुपए पीएम केयर्स फंड में दान किए थे।  

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PM की अपील पर हीराबा ने किया था ये काम : 
कोरोना की पहली लहर के दौरान 22 मार्च, 2020 को को जब जनता कर्फ्यू लगा था, तो पीएम मोदी ने शाम 5 बजे जनता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, पुलिस कर्मी और मीडिया के लिए ताली, थाली और घंटी बजाने की अपील की थी। इस दौरान उनकी मां हीराबेन ने भी फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स का उत्ससाह बढ़ाने के लिए थाली बजाई थी।

26 दिन पहले हीराबा से आखिरी बार मिले थे मोदी : 
पीएम मोदी की मां हीराबेन से आखिरी मुलाकात 26 दिन पहले 4 दिसंबर को गुजरात दौरे के वक्त हुई थी। मोदी गुजरात चुनाव के दौरान 4 दिसंबर को गांधीनगर में मां हीराबेन से मिले थे। इस दौरान उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। साथ ही उनके साथ बैठकर चाय पी थी।

पीएम मोदी ने ऐसे दी मां हीराबा को अंतिम विदाई : 
पीएम मोदी ने खुद हीराबा के निधन की जानकारी दी ट्वीट करते हुए दी। शुक्रवार सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम। मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।

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10 PHOTOS में देखें, जब प्रधानमंत्री नहीं बल्कि एक बेटा बन मां हीराबेन से मिले मोदी

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