गृह मंत्रालय ने कहा, NRC का डेटा सुरक्षित, अगले दो-तीन दिनों में हो जाएगा उपलब्ध

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि असम में एनआरसी का डेटा सुरक्षित है हालांकि कुछ तकनीकी मुद्दे देखे गए और उन्हें जल्द ही हल कर लिया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2020 6:57 AM IST / Updated: Feb 12 2020, 01:36 PM IST

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि असम में एनआरसी का डेटा सुरक्षित है हालांकि कुछ तकनीकी मुद्दे देखे गए और उन्हें जल्द ही हल कर लिया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण उन खबरों के मद्देनजर आया है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची का डेटा उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ऑफलाइन हो गया है।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "एनआरसी डेटा सुरक्षित है। क्लाउड पर कुछ तकनीकी मुद्दे देखे गए। इन्हें जल्द ही हल किया जा रहा है।"

कुछ दिनों के लिए डेटा उपलब्ध नहीं था और इससे जनता, खासतौर से उन लोगों में भय व्याप्त हो गया जिन्हें सूची से बाहर रखा गया है क्योंकि उन्हें सूची से बाहर किए जाने का प्रमाणपत्र अभी जारी नहीं किया गया है।

आईटी कंपनी विप्रो ने मुहैया कराई थी

एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने माना कि डेटा ऑफलाइन हो गया है लेकिन उन्होंने इसके पीछे किसी तरह की "दुर्भावना" के आरोप को खारिज किया।

बड़े पैमाने पर डेटा के लिए क्लाउड सेवा आईटी कंपनी विप्रो ने मुहैया कराई थी और उनका अनुबंध पिछले साल 19 अक्टूबर तक का था। बहरहाल, पूर्व संयोजक ने इस अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया। शर्मा ने बताया कि इसलिए विप्रो द्वारा निलंबित किए जाने के बाद 15 दिसंबर से डेटा ऑफलाइन हो गया था।

दो-तीन दिनों में डेटा उपलब्ध हो जाएगा

उन्होंने बताया कि राज्य संयोजक समिति ने 30 जनवरी को अपनी बैठक में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने का फैसला किया और फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान विप्रो को पत्र लिखा।

शर्मा ने कहा, "एक बार जब विप्रो डेटा को ऑनलाइन कर देगी तो यह जनता के लिए उपलब्ध होगा। हमें उम्मीद है कि लोगों को अगले दो-तीन दिनों में डेटा उपलब्ध हो जाएगा।"

एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित होने के बाद असली भारतीय नागरिकों को शामिल किए जाने तथा बाहर किए गए लोगों की पूरी जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट http://www.nrcassam.nic.in पर अपलोड की गई।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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