हनीट्रैप का खुलासा करने वाले मीडिया ग्रुप के मालिक के घर देर रात पुलिस का छापा, कब्जे से छुड़ाई गई 67 महिलाएं

हनीट्रैप मामले में नए खुलासे करने वाले मीडिया संस्थान के मालिक के ठिकानों पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है। जिसमें पुलिस ने संस्थान के मालिक जीतू सोनी उनके बेटे अमित सोनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके साथ ही सोनी के होटलों से 67 महिलाओं को बरामद किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 2, 2019 3:46 AM IST

इंदौर. मध्यप्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले में नए खुलासे करने वाले मीडिया संस्थान के मालिक के ठिकानों पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है। जिसमें संस्थान के मालिक जीतू सोनी उनके बेटे अमित सोनी पर इंदौर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। शनिवार देर रात छह विभागों ने संयुक्त कार्रवाई कर कारोबारी और मीडिया संस्थान के मालिक जीतू सोनी के घर और प्रतिष्ठानों पर दबिश दी। जीतू सोनी के आलोक नगर स्थित घर, माय होम, बेस्ट वेस्टर्न होटल और लोकस्वामी अखबार के प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा गया। 

दस्तावेजों के साथ पकड़ी गई 67 लड़कियां 

हनीट्रैप से जुड़े ऑडियो और वीडियो जीतू सोनी अपने अखबार लोकस्वामी और चैनल पर पिछले कुछ दिनों से प्रकाशित और प्रसारित कर रहे थे। जिसके बाद प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की गई है। जिसमें एसडीएम राकेश शर्मा, सीएसपी ज्योति उमठ के साथ प्रशासन, पुलिस, आबकारी, नगर निगम, फूड और बिजली कंपनी के अफसर पूरी रात तक जांच करते रहे, जिसमें कई दस्तावेजों के अलावा 67 लड़कियां भी पकड़ी गईं।

इन पर भी हुई कार्रवाई 

बताया जा रहा है कि होटल में देर रात तक शराब परोसे जाने, लड़कियों के अश्लील नृत्य और कई अनैतिक गतिविधियों की शिकायत पुलिस को मिली थी। जिसके बाद हरकत में आई पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है। रविवार सुबह कारोबारी के समाचार पत्र के कार्यालय को भी सील कर दिया गया। पुलिस ने हनीट्रैप मामले के फरियादी इंदौर नगर निगम के अधिकारी हरभजन सिंह की शिकायत पर जीतू सोनी, उनके बेटे अमित सोनी और अन्य के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही आर्म्स एक्ट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला भी दर्ज किया गया है। 

बीजेपी नेता ने किया विरोध 

इंदौर पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "हनीट्रैप मामले को सरकार दबा रही है क्योंकि इसमें मंत्री से लेकर अधिकारी तक संलिप्त हैं। यदि कोई मीडिया समूह इसे उजागर कर रहा है तो उस पर बदले की भावना से कार्रवाई करना गलत है। कहीं गलत काम हो रहा है और सरकार छापा मारे, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं। लेकिन सिर्फ इस कारण से छापा मारा जाए कि वो अखबार का मालिक है और अपने अखबार के माध्यम से सरकार से जुड़े हुए लोगों के चेहरे उजागर कर रहा है तो छापा मारकर उसे प्रताड़ित करने की कोशिश करना ठीक नहीं है।"

सीबीआई जांच कराने की मांग

हाईकोर्ट में हनीट्रैप की सीडी पेश होने के बाद अचानक इंदौर पुलिस सक्रिय हुई। इससे पहले इंजीनियर हरभजन सिंह को शनिवार शाम 4 बजे एसएसपी से मिलने कंट्रोल रूम बुलाया और उनकी शिकायत पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। एडवोकेट मनोहर दलाल के माध्यम से याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह ने एसआइटी पर संदेह जताते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। 

हाईकोर्ट में पेश हुई 15 घंटे की वीडियो सीडी

हनीट्रैप मामले में हाईकोर्ट में 15 घंटे की वीडियो सीडी सौंपी गई है। सीडी में हनीट्रैप की आरोपियों के साथ प्रदेश के नेताओं और अफसरों से जुड़ी वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग है। याचिकाकर्ता के वकील मनोहर दलाल ने बताया कि इस सबूत का दुरुपयोग न हो, इसलिए यह कोर्ट को सौंपी गई है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि याचिकाकर्ता को ये सीडी इंदौर के एक समाचार पत्र से मिली है।

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