HRD मिनिस्ट्री का नाम शिक्षा मंत्रालय, अपनी मातृभाषा में पढ़ सकेंगे छोटे बच्चे..शिक्षा नीति में क्या बदला

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था।

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2020 12:03 PM IST / Updated: Jul 29 2020, 06:03 PM IST

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। इस दौरान ही निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था ।

नई शिक्षा नीति क्या होगी?

Latest Videos

- नई नीति में कक्षा 5 तक अनिवार्य रूप से और कक्षा 8 तक वैकल्पिक रूप से शिक्षा का माध्यम स्थानीय और मातृभाषा को रखने की सिफारिश की गई है।

- 2030 तक 3 से 18 साल के सभी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण अनिवार्य शिक्षा करवाने का लक्ष्य भी रखा गया है। 

- 2030 तक देश के हर जिले में मल्टीएजुकेशन उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित किए जाएंगे।

- उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50% सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य और एक से ज्यादा प्रवेश/एग्जिट का प्रावधान शामिल है। 

- सरकार ने कहा है कि 2035 तक हायर एजुकेशन में 50% एनरोलमेंट का लक्ष्य तय किया है।

- ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे। वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) बनाया जा रहा है।

- देश में उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक(Regulator) होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे। वो नियामक 'ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम' पर काम करेगा।

- 4 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर M.A. और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं।

- उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने कहा, हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि GDP का 6% शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 4.43% है।

- उन्होंने कहा, U.S. की NSF (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर हम NRF (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रहे हैं। इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा। ये शिक्षा के साथ रिसर्च में हमें आगे आने में मदद करेगा।

- मल्टिपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी।

दो लाख से अधिक सुझाव मिले

नई शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए । मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नीति के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। मंत्रालय का नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है।

34 साल बाद आई भारत की नई शिक्षा नीति
वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था । नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था ।

- मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया । इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्रालय का जिम्मा स्मृति ईरानी के पास था 

Share this article
click me!

Latest Videos

इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts
'क्या बेटा इतना बड़ा हो गया जो मां को आंख दिखाए' मोहन भागवत से Arvind Kejriwal ने पूछे 5 सॉलिड सवाल
चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev