न मैं परिवार का हिंदू हूं, न मैं मुसलमान का हिंदू हूं, मैं सबका हिंदू हूं...खूब वायरल हो रही यह कविता

Published : Jan 10, 2020, 06:08 PM IST
न मैं परिवार का हिंदू हूं, न मैं मुसलमान का हिंदू हूं, मैं सबका हिंदू हूं...खूब वायरल हो रही यह कविता

सार

सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड कर रहा है। जिसमें एक महिला कविता का पाठ कर रही है। जिसमें वह कहते हुए दिखाई दे रही है कि मैं सबका हिंदू हूं, मैं न परिवार का हिंदू हू्ं...। मैं न ताज का हिंदू हूं, मैं न शाह का हिंदू हूं, मैं सबका हिंदू हूं....। 

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधित कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक महिला कविता का पाठ कर रही है। जिसमें वह कहते हुए दिख रही है कि मैं सबका हिंदू हूं...। सोशल मीडिया पर यह वीडियो चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस वीडियो की लोग खुब सराहना कर रहे है। 

क्या है कविता में 

मैं सबका हिंदू हूं, मैं न परिवार का हिंदू हू्ं...। मैं न ताज का हिंदू हूं, मैं न शाह का हिंदू हूं, मैं सबका हिंदू हूं....। यह कविता अनुशा रवि सूद द्वारा लिखी गई है। जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। इस कविता के माध्यम से हिंदू धर्म को परिभाषित करने की कोशिश की गई है। लोग इस कविता की जमकर सराहना कर रहे हैं। 

जारी है विरोधों का दौर

नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में विरोध का दौर जारी है। एक ओर जहां हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी तिरंगा मार्च निकाल रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोर्चा खोले हुए हैं। इसके अलावा तमाम सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। वहीं, देश के अधिकांश हिस्सों में कानून के समर्थन में भी रैली निकाली जा रही है। 

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