
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर से पश्चिम बंगाल में सियासी तकरार शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यक समुदाय का तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया है। धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री का गुस्सा राज्य में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में बड़ी विफलताओं पर पर्दा डालने की एक रणनीति है। इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) ने भी पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से जवाब मांगे हैं।
- आईएमसीटी ने पूछा कि राज्य में मौते कोरोना से हुई हैं, यह डॉक्टरों की टीम ने किसी प्रणाली का इस्तेमाल किया है। आईएमसीटी ने यह भी पूछा कि जो प्रणाली इस्तेमाल की गई है वह आईएमसीआर की गाइडलाइन के हिसाब से है या नहीं।
5 दिन में आ रहा है कोरोना टेस्ट का नतीजा
आईएमसीटी ने कहा, हमने कोलकाता के कुछ हॉस्पिटल का दौरा किया। यहां पता चला कि कुछ मरीजों को कोरोना टेस्ट का नतीजा पांच-पांच दिन में मिल रहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा था, पश्चिम बंगाल में सरकार आईएमसीटी टीम की मदद नहीं कर रही
गृह मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि केंद्र की तरफ से प्रदेशों में भेजी गई आईएमसीटी टीम की मदद पश्चिम बंगाल सरकार नहीं कर रही है। हालांकि एक दिन बाद पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से बयान आया कि ऐसा नहीं है। आईएमसीटी की पूरी मदद की जा रही है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा, यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) को कोई सहयोग नहीं दिया। उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे।
पश्चिम बंगाल में कोरोना के 514 केस
पश्चिम बंगाल में कोरोना के 514 केस सामने आए हैं। इसमें से 396 केस एक्टिव हैं। 15 लोगों की मौत हो चुकी है। 103 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोलकाता सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां कोरोना के 184 केस हैं।