प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। बता दें कि प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की प्रतीमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहे।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। बता दें कि प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की प्रतीमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहे।
मूर्ति का अनावरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की मूर्ति सपनों को साकार करने की प्रेरणा देती है। इससे सशक्त भारत का सपना साकार करने की प्रेरणा भी मिलती है। स्वामी विवेकानंद जानते थे कि भारत दुनिया को क्या दे सकता है। एक सदी पहले स्वामी विवेकानंद ने मिशीगन यूनिवर्सिटी में इसकी घोषणा भी की थी। स्वामी जी ने अपनी पहचान भूल रहे भारत में नई चेतना का संचार किया था।
स्वामी विवेकानंद भारत की सांस्कृतिक धरोहर - शिक्षा मंत्री
इस कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी विवेकानंद को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया और कहा कि उनका शिकागो में दिया गया भाषण एक मिसाल है। इसके साथ ही उन्होंने जेएनयू के पूर्व छात्रों को मूर्ति की स्थापना के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि हम नेशन फर्स्ट के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
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पंडित नेहरू से तीन फीट ऊंची प्रतिमा है विवेकानंद की
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह प्रतिमा पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा से भी तीन फीट ऊंची बनाई गई है। स्वामी विवेकानंद के विचारों को दुनिया भर में फैलाने की मुहिम में जुटे विपुल पटेल की पहल पर पांच साल पहले सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पास स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था।
पूर्व छात्रों की पहल पर लगी मूर्ति
आपको बता दें कि JNU में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाने का काम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों की पहल पर किया गया है। मूर्ति बनाने का काम साल 2017 में शुरू हुआ था लेकिन साल 2018 में मूर्ति के बनकर तैयार होने के बाद पिछले 2 साल से मूर्ति को ढंककर रखा गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान कई बार स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को वामपंथी छात्रों द्वारा क्षतिग्रस्त करने की कोशिश भी की गई।